Hello Doctor : ओवरी में संक्रमण या बन जाएगा गांठ तो चिकित्सीय सलाह पर कराएं जांच : डा. विभा मिश्रा

ज्यादातर महिलाएं (35 से 50 वर्ष के बीच ) रजोनिवृत्ति से पहले मासिक धर्म की गड़बड़ी व हड्डी की कमजोरी से ग्रसित होती हैं। हाथ-पैर कमर में दर्द होना आम बात है। मासिक धर्म की गड़बड़ी की मुख्य वजह संक्रमण या ओवरी में गांठ का बन जाना है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 06:30 AM (IST)
Hello Doctor : ओवरी में संक्रमण या बन जाएगा गांठ तो चिकित्सीय सलाह पर कराएं जांच : डा. विभा मिश्रा
स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. विभा मिश्रा ने दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर कार्यक्रम में हुईं शामिल।

वाराणसी, जेएनएन। ज्यादातर महिलाएं (35 से 50 वर्ष के बीच ) रजोनिवृत्ति से पहले मासिक धर्म की गड़बड़ी व हड्डी की कमजोरी से ग्रसित होती हैं। हाथ-पैर, कमर में दर्द होना आम बात है। मासिक धर्म की गड़बड़ी की मुख्य वजह संक्रमण या ओवरी में गांठ का बन जाना है। यह न सोचें कि मासिक धर्म जाने का वक्त है, इसलिए ऐसा हो रहा है। लक्षण दिखने पर कोताही न बरतें, क्योंकि ओवरी की गांठ आगे चलकर कैंसर का भी रूप ले सकता है, इसलिए अल्ट्रासाउंड कराते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें। इसका समुचित उपाय होने से आप स्वस्थ और प्रसन्न रह सकती हैं। याद रखें रोग बढ़ जाने पर दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जरा सी तकलीफ महसूस होने पर जांच बहुत जरूरी है। ये बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. विभा मिश्रा ने दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर कार्यक्रम में कहीं। वह पाठकों के सवालों का जवाब दे रहीं थीं।

डा. विभा ने बताया कि महिलाओं में सबसे आम समस्या हाथ-पैर व कमर में दर्द तथा ताकत की कमी है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है। यह समस्या 35 से 40 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है जो दिनचर्या से संबंधित है। व्यस्त दिनचर्या में महिलाओं ने धूप में निकलना कम कर दिया है। त्वचा के माध्यम से सूर्य की रोशनी में जो विटामिन-डी बनता है, वह नहीं बन पा रहा है। इसकी वजह से कैल्शियम की कमी हो रही है और हड्डियों के साथ ही मांसपेशियां तक कमजोर हो जा रहीं हैं। इसके लिए विटामिन-डी व कैल्शियम की जांच कराएं। वहीं रजोनिवृत्ति के बाद यदि हार्मोन की जरूरत पड़े तो चिकित्सक की सलाह पर लिया जा सकता है।

वजन बढऩा हो सकता है पीसीओडी का लक्षण

-बीएमआइ (बाडी मास इंडेक्स) बढऩा, वजन का अधिक होना, माहवारी चक्र में गड़बड़ी आदि पीसीओडी (पालीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) के लक्षण हैं। हार्मोन में बदलाव की वजह से ङ्क्षपपल भी अधिक निकलने लगते हैं। यह बच्चियों में आम है। स्कूल में खेलकूद की गतिविधियां कम हो गईं हैं। बैठकर लगातार पढ़ते रहने और फास्ट फूड का अधिक सेवन करने से यह समस्या उनमें बढ़ रही है। इस कारण शादी के बाद बच्चा होने में भी दिक्कत होती है। इसलिए इसी उम्र में इसका निदान जरूरी है। वजन को नियंत्रित करके इसे ठीक किया जा सकता है। इसके लिए डायटीशियन के परामर्श के आधार पर आहार लें, व्यायाम करें। यह एक-दो दिन में नहीं होगा, वजन के हिसाब से लंबा वक्त लग सकता है। अधिक दिक्कत होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से हार्मोनल ट्रीटमेंट लिया जा सकता है।

प्रश्न- दो दिन पहले पेट में दर्द था। इंजेक्शन लगवाने पर ठीक भी हो गया। मगर अब नाभि के नीचे ङ्क्षखचाव हो रहा है।

उत्तर- स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ को अविलंब दिखाएं और अल्ट्रासाउंड कराएं। नजरअंदाज बिल्कुल न करें।

प्रश्न- महीने में दो-तीन बार माहवारी आ रही है।

उत्तर- यह गंभीर रूप ले सकती है। तत्काल स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। रक्त परीक्षण व अल्ट्रासाउंड कराएं। इससे खून की कमी हो सकती है।

प्रश्न- दस सालों से ङ्क्षपपल की समस्या है।

उत्तर- यह पीसीओडी की समस्या हो सकती है जो अमूमन हार्मोन के असंतुलन से होता है। दवा लंबी अवधि तक चलेगी। पौष्टिक आहार लें और व्यायाम करती रहें। त्वचा की देखभाल भी जरूरी है। बीमारी धीरे-धीरे ही जाएगी।

प्रश्न- बिटिया में अचानक खून की कमी हो गई है।

उत्तर- बच्चियों में यह समस्या आम है। हीरोइन की तरह दिखने के चक्कर में डाइङ्क्षटग करने लगती हैं। बिटिया की एनीमिया प्रोफाइल चेक करा लें। इससे पता चल जाएगा कि खाना कम खाने से खून की कमी है, एनीमिया है या कोई और कारण।

प्रश्न- पत्नी का दो सिजेरियन हो चुका है, तीसरा हो सकता है या नहीं।

उत्तर- तीसरा बच्चा हो सकता है, लेकिन बहुत देख-भाल करनी होगी। बड़े अस्पताल में इलाज कराएं जहां सारी सुविधाएं हों। अंतर तीन साल का हो। तीसरा बच्चा प्लान करने से पहले पत्नी की पूरी जांच कराएं।

प्रश्न- पत्नी को बच्चा नहीं हो रहा है। दोनों ट््यूब बंद है।

उत्तर- ट््यूब बंद हो तो आइवीएफ (इन-विट्रो-फर्टिलाइजेश्न) विधि अपनाई जा सकती है।

प्रश्न- बच्चियों के स्वास्थ्य की देखभाल कैसे की जाए।

उत्तर- बेटियों को पौष्टिक आहार जैसे हरी सब्जी, दाल, अंडे आदि प्रोटीनयुक्त खाद्य सामग्री नियमित रूप से देनी चाहिए। स्वच्छता के प्रति सजग करना चाहिए। माहवारी के समय घर के किसी साफ कपड़े के इस्तेमाल से बचना चाहिए और पैड इस्तेमाल कराना चाहिए। स्त्री रोगों से जुड़ी कोई समस्या आने पर विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेना उनके भविष्य के जीवन को मजबूत और निरोग बनाए रखने के लिए अहम है।

प्रश्न- मेरी बेटी तेरह वर्ष की होने जा रही है, वह खाना खाने से भागती है।

उत्तर- यह समय बदलाव का होता है। इसमें देखभाल की अधिक जरूरत होती है। ऐसे में खान-पान का ध्यान रखें।

प्रश्न- मेरी उम्र चालीस साल है। अक्सर पैरों में सूजन हो जा रही है।

उत्तर- इसे इग्नोर न करें। डाक्टर से मिले। यह रजोनिवृत्ति से जुड़े लक्षण हो सकते हैं।

प्रश्न- कमर से लेकर पैरों तक अक्सर दर्द रहता है।

उत्तर- आजकल यह महिलाओं में सामान्य तौर पर देखने को मिल रहा है। यह कैल्शियम की कमी से हो सकता है। विटामिन डी की कमी से पहले हड्डी खराब होती है फिर नस दबने लगती है। डाक्टर से मिलें।

प्रश्न- दो माह से माहवारी नहीं आ रही फिर भी रक्तस्राव बना रहता है।

उत्तर- तुरंत प्रेगनेंसी जांच कराएं, 40 की उम्र में भी गर्भ ठहर सकता है।

प्रश्न- परिवार नियोजन के लिए कौन सा उपाय ठीक है।

उत्तर- इसके लिए कोई भी प्रचलित तरीका अपना सकते हैं। यह स्थायी या अस्थायी हो सकता है। हां, इसके लिए डाक्टर की सलाह जरूर लें।

प्रश्न- अक्सर सिर में भारीपन बना रहता है।

उत्तर- फिजिशयन से मिलेंं. यह स्त्री रोग से इतर समस्या भी हो सकती है।

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