Hello Doctor : होम्योपैथिक चिकित्सा विधा हर स्थिति में कारगर, प्राथमिक स्टेज पर आएं रोगी
अक्सर लोगों में भ्रांतियां रहती हैं कि होम्योपैथिक दवाएं धीरे-धीरे काम करती हैं जबकि सत्य यह है कि ये दवाएं दीर्घ कालिक पुरानी/क्रॉनिक बीमारियों जैसे एक्जिमा पथरी गांठ रसौली में प्रकृति के कारण थोड़ा समय लेती है। हालांकि नवीन/एक्यूट बीमारियों जैसे उल्टी दस्त बुखार आदि में तुरंत लाभ देती हैं।
वाराणसी, जेएनएन। अक्सर लोगों में भ्रांतियां रहती हैं कि होम्योपैथिक दवाएं धीरे-धीरे काम करती हैं, जबकि सत्य यह है कि ये दवाएं दीर्घ कालिक पुरानी/क्रॉनिक बीमारियों जैसे एक्जिमा, पथरी, गांठ, रसौली में प्रकृति के कारण थोड़ा समय लेती है। हालांकि नवीन/एक्यूट बीमारियों जैसे उल्टी, दस्त, बुखार आदि में तुरंत लाभ देती हैं। एक और भ्रांति हैं कि मधुमेह रोगी मीठी गोली ले सकते हैं या नहीं। भेलूपुर वाराणसी स्थित राजकीय जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा. अनिल कुमार गुप्ता बताते हैं कि मधुमेह रोगी होम्योपैथिक दवाइयों को सुरक्षित तरीके से ले सकते हैं। डा. गुप्ता दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को आयोजित हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उन पाठकों की जिज्ञासाओं को भी शांत किया जिनका कहना था कि क्या होम्योपैथिक दवाएं लिक्विड में गोली की तुलना में ज्यादा कारगर होगी। दोनों अवस्थाओं की दवाएं समान रूप से बीमारी को ठीक करने में कारगर है। हालांकि परिस्थितियों के अनुसार उनका माध्यम भिन्न हो सकता है। साथ ही अन्य सभी बीमारियों का भी उपचार भी संभव है। बशर्ते कि प्राथमिक स्टेज पर रोगी आएं।
0-मेरी उम्र 80 साल है। मेरे दोनों घुटने में दर्द रहता है। क्या होम्योपैथ में उपचार है? -सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, गाजीपुर
-बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में समस्या आ जाती है। आप पालथी या जमीन पर बैठने से परहेज करें। नमक डालकर गुनगुना पानी से सेंकाई करते रहें। साथ ही आलू, चीनी, चावल, मिठाई से परहेज करते हुए दूध, दही, पनीर या अंडे का सेवन करें।
0-मेरी पत्नी की उम्र 55 साल है। उनकी हथेली में जलन रहती है और पूरे शरीर में दर्द भी। कोई इलाज बताए? -ब्रजेश ङ्क्षसह, मेहनाजपुर-आजमगढ़
-उन्हें स्पांडिलाइटिस की समस्या हो सकती है। नसें दबने से इस प्रकार की समस्या होती है। वे चौकी या पलंग पर ही सोएं और बिना तकिया के। होम्योपैथिक चिकित्सक को भी दिखा सकते हैं।
0-रीढ़ की हड्डी की बाईं ओर दर्द रहता है। क्या होम्योपैथ में उपचार है? -राजेश कुमार पांडेय, जौनपुर
-अगर आप अस्पताल में आकर दिखाएं तो होम्योपैथिक दवा से भी ठीक हो सकते हैं।
0-हार्ट का मरीज हूं। क्या होम्योपैथ में इसका उपचार है? -दशरथ प्रसाद सेठ, कोपागंज-मऊ
-बीमारी की स्थिति के अनुसार सभी रोगों का होम्योपैथी में उपचार संभव है। इस पद्धति में लक्षण का उपचार किया जाता है। आप अंग्रेजी दवा के साथ दूसरी समस्या होने पर होम्योपैथ की दवा ले सकते हैं।
0-मेरी उम्र 43 साल है। मेरे पैर में दर्द रहता है। सीढ़ी चढऩे में भी परेशानी होती है। क्या इलाज हो पाएगा? - मनोज ङ्क्षसह यादव, सादात-गाजीपुर
-हो सकता है आपके अंदर खून व कैल्शियम की कमी हो। आप तत्काल खून, शुगर व कैल्शियम की जांच कराएं। इसके बाद रिपोर्ट दिखाकर उपचार शुरू करा सकते हैं।
0-क्या हार्निया का होम्योपैथ में उपचार है? - विजय शंकर पाठक, शिवपुर-वाराणसी
-हार्निया के तीन स्टेज होते हैं। तीसरे स्टेज में ऑपरेशन ही अंतिम उपचार है। हां, अगर आप की स्थिति प्रथम स्टेज में हैं तो इसका होम्योपैथ में भी बेहतर उपचार है।
0-मेरे पैर में दर्द रहता है। इलाज कराया लेकिन सोने पर दर्द शुरू हो जाता है। क्या करें? -कुंवर बहादुर ङ्क्षसह, भदोही
-बिना देखे कुछ कह पाना मुश्किल है। आप चिकित्सालय में आकर दिखा सकते हैं, ताकि उचित उपचार किया जा सके।
0-पैर के पंजे में खुजली होती है। साथ ही कलाई में भी झुनझुनी होती है। इसका क्या उपचार है? - कैलाश नाथ विश्वकर्मा, रामनगर-वाराणसी
-आपकी नसें कहीं दब रहीं होंगी। आप जांच कराकर कैल्शियम की दवा ले सकते हैं।
0-होम्योपैथ में क्या टीबी का उपचार है? - मनीष वर्मा, बजरडीहा-वाराणसी
-होम्योपैथ में रोगों के लक्षणों का उपचार किया जाता है। आप डॉट सेंटर पर जाएं तो बेहतर उपचार होगा।
0-ब्रोंकाइटिस की समस्या है। हाथ-पैर में दर्द रहता है। साथ ही सर्दी-जुकाम के साथ सांस भी फूलती है। क्या करें? -सुरेंद्र यादव, शिवपुर दियर नईबस्ती-बलिया
-इस स्थिति में बचाव बहुत जरूरी है। गेहूं की थ्रेसङ्क्षरग से दूर रहें और घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाएं। जांच कराकर नियमित दवा लें।
0-घुटने के नीचे सूजन की समस्या हो रही है। कृपया उपचार बताएं? - परमेश्वर सिंह, सुखपुरा-बलिया
-बहुत देर तक पैर लटका कर न बैठिए। हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है कि कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें।
इन्होंने भी पूछे सवाल
मिसिर के हाता बलिया से उमाशंकर मिश्र, बांसडीह बलिया से मिथिलेश कुमार तिवारी, गोवर्धनपुर आजमगढ़ से हरिश्चंद्र, जमानिया गाजीपुर के सुशील गुप्ता, जौनपुर से सुभाष सिंह, चंदन कुमार गुप्ता, काठार गाजीपुर से सतीश चंद्र पांडेय, चांदमारी वाराणसी से बृजेश सिंह, खजुरी से हरेराम सिंह।