Hello Doctor : भ्रम में न रहें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर कोरोना का टीका जरूर लगवाएं

नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर टीका लगवाया और कोरोना से जंग में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का सहयोग किया। टीकाकरण को लेकर पाठकों की जिज्ञासा शांत करने के लिए दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्टर में बुधवार को थे जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 07:56 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 08:37 PM (IST)
Hello Doctor : भ्रम में न रहें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर कोरोना का टीका जरूर लगवाएं
हैलो डाक्टर में बुधवार को थे जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना टीका को लेकर समाज में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसके चलते कुछ लोग टीका लगवाने को लेकर ऊहापोह में हैं। जबकि जागरुक लोगों ने फौरन विशेषज्ञों से संपर्क साधा और भ्रम को दूर किया। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर टीका लगवाया और कोरोना से जंग में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का सहयोग किया। टीकाकरण को लेकर पाठकों की जिज्ञासा शांत करने के लिए दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्टर में बुधवार को थे जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव।

जनसामान्य को कोरोना संक्रमण के खतरे से सचेत करते हुए उन्होंने कोविडञ19 नियमों का सख्ती से पालन जरूरी बताया। कहा फिलहाल कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण का यही एकमात्र रास्ता है। बिना जरूरत भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बच्चों व बुजुर्गों को ऐसी जगहों पर जाने से यथासंभव रोकें। बाहर जाना हो तो अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। सैनिटाइजर से हाथ को साफ करते रहें।

सवाल : दूसरी डोज के लिए चार अप्रैल की डेट दी गई थी, मगर अब बाद में आने को कह दिया गया। - यूके ङ्क्षसह, जौनपुर

जवाब : कोविशील्ड को लेकर गाइडलाइन में कुछ परिवर्तन है। अब छह से आठ सप्ताह में लगाया जा रहा है। 24 अप्रैल के बाद टीकाकरण केंद्र पर जाएं, टीका लगा दिया जाएगा।

सवाल : 40 वर्ष की उम्र के बहुत से लोग टीका लगवाना चाहते हैं, उन्हें कब तक इंतजार करना होगा। -अंशुमान मालवीय, वाराणसी

जवाब : सरकार चरणबद्ध तरीके से टीका लगवा रही है। स्वास्थ्यकर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर के बाद अब 45 साल से अधिक उम्र वालों को टीका लग रहा है। कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए गाइडलाइन आने का इंतजार करें।

सवाल : आयुष्मान कार्ड कैसे बनेगा। - कुंदन कुमार जायसवाल, जौनपुर

जवाब : हर जिले में प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। वहां आयुष्मान योजना का भी स्टाल लग रहा है। नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और स्टाल पर संपर्क करें। यदि आपका नाम सूची में होगा तो गोल्डेन कार्ड वहीं बना दिया जाएगा।

सवाल : तीन दिन पहले पिताजी को टीका लगवाया था। शाम को उन्हें बुखार आ गया। दवा खाने पर आराम रहता है। अगले दिन फिर बुखार। - वीरेंद्र कुशवाहा, गाजीपुर

जवाब : टीका लगने से कुछ लोगों का शरीर कभी-कभी प्रतिक्रिया करती है। बुखार या टीका लगे स्थान पर दर्द या सूजन हो सकता है। बुखार रहने पर चार-चार घंटे के अंतराल पर पैरासीटामाल दें।

सवाल : मेरी आयु 70 वर्ष है और मैं शुगर का मरीज हूं। तीन अ्रपैल को दूसरी डोज की डेट थी, लेकिन लगाया नहीं गया। - श्याम प्रसाद, वाराणसी

जवाब : नई गाइडलाइन के मुताबिक अब छह सप्ताह बाद आपके रजिस्टर्ड नंबर पर मैसेज जाएगा। उसके बाद आप दूसरी डोज का टीका लगवा सकते हैं।

सवाल : कोवैक्सीन की पहली डोज के 28 दिन बाद ही पिताजी को दूसरी डोज लगवा दी। क्या इससे कोई परेशानी होगी। -देवनाथ वर्मा, बलिया

जवाब : बिल्कुल नहीं, कोवैक्सीन के मामले में चार से छह सप्ताह में दूसरी डोज ली जा सकती है।

सवाल : टीका कितने उम्र के लोगों को लगा सकता है। - संजय कुमार मौर्य, आजमगढ़ व सतीश चंद्र पांडेय, गाजीपुर

जवाब : 18 साल से कम उम्र वालों, गर्भवती महिला व स्तनपान कराने वाली महिला को छोड़कर किसी को भी टीका लगाया जा सकता है। वर्तमान में कोविशील्ड या कोवैक्सीन 45 साल से अधिक उम्र वालों को लगाया जा रहा है। उससे कम उम्र वालों को गाइडलाइन का इंतजार करना होगा।

सवाल : एक दिन पहले ही पहली डोज लगवाई थी, अब बांह में दर्द हो रहा है। -गौरी श्रीवास्तव, वाराणसी

जवाब : इसमें घबराने वाली बात नहीं है। यह शरीर की एक प्रतिक्रिया है। दिक्कत होने पर पैरासीटामाल की टैबलेट लें।

सवाल : कोरोना कंट्रोल करने के लिए 45 से कम उम्र वालों को कब से टीका लगाया जाएगा। -निशा गोस्वामी, वाराणसी

जवाब : फिलहाल 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को टीका लगाया जा रहा है। उससे नीचे के लोग कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए अपनी बारी का इंतजार करें।

सवाल : मैं सेवानिवृत्त कर्मचारी हूं, मुझे टीका कैसे लगेगा। -नारायण जी अग्रवाल, वाराणसी

जवाब : 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर आधार कार्ड के साथ पहुंचे और टीका लगवाएं।

सवाल : क्या बच्चों को भी लगाया जा सकता है टीका। कोरोना से बचाव के लिए क्या करें। -दामन कुमार, वाराणसी

जवाब : बिल्कुल नहीं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड-19 के सामान्य नियमों का पालन करें। मास्क लगाकर कर ही घर से बाहर निकलें, शारीरिक दूरी का ध्यान रखें और भीड़ में बेवजह जाने से बचें।

सवाल : कई तरह की भ्रांतियां हैं। ऐसे में क्या मुझे टीका लगवाना चाहिए। -रामप्रकाश, गाजीपुर

जवाब : भ्रांति के चक्कर में न रहें। दोनों टीके सुरक्षित हैं। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर कोरोना टीका लगवाएं। दूसरी डोज लगने के 14 दिन बाद शरीर में एंटीबाडी बनती है। तब तक कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन करें।

सवाल : 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग यदि टीका नहीं लगवाएंगे तो क्या उन्हें राशन नहीं मिलेगा। -शंकर यादव, जौनपुर

जवाब : ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि आप 45 साल या उससे अधिक उम्र के हैं, तो टीका जरूर लगवाएं।

सवाल : पिताजी को एक माह पहले हेपेटाइटिस का टीका लगा है, क्या वे टीका लगवा सकते हैं। -दीपक वर्मा, गाजीपुर

जवाब : कोरोना टीका का इससे कोई संबंध नहीं है। अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उन्हें ले जाएं और कोरोना टीका लगवाएं।

सवाल : दो दिन पहले कोविशील्ड का टीका मैंने व मेरी पत्नी ने लगवाया। पत्नी के बांह में सूजन है और उन्हें चक्कर भी आ रहा है। -तारकनाथ जायसवाल, वाराणसी

जवाब : सूजन से घबराएं नहीं। कुछ भी नहीं करना है। सूजन अपने आप ठीक हो जाएगा। चक्कर में आराम न मिले तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डाक्टर से सलाह लें।

सवाल : पिताजी को शुगर व बीपी की समस्या है। क्या उन्हें टीका लगवान सही होगा। -अभिषेक केशरी, वाराणसी

जवाब : अविलंब अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। पंजीयन कराते हुए उन्हें कोरोना टीका लगवाएं।

सवाल : मेरी उम्र 31 साल है, क्या मुझे भी टीका लग सकता है। -रवि राय, वाराणसी

जवाब : टीका आपको भी लगाया जा सकता है। मगर गाइडलाइन के मुताबिक फिलहाल 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को ही टीका लगाया जा रहा है। इसलिए अभी कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करते हुए अपनी बारी का इंतजार करें।

यह काम करती है वैक्सीन

जब एक नया रोगजनक (पैथोजन) जैसे कि जीवाणु, विषाणु, परजीवी या फंगस शरीर में प्रवेश करता है तो शरीर का एक उपभाग जिसे एंटीजन कहा जाता है वो इससे लडऩे के लिए एंटीबाडी का उत्पादन शुरू कर देता है। वैक्सीन शरीर में कोरोना के प्रति एंटीबाडी बनाने में मददगार होगी। सीडीसी (सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मुताबिक वैक्सीन न सिर्फ कोविड-19 से सुरक्षा देती है, बल्कि दूसरों को भी सुरक्षित कर देती है। इसके अलावा सीडीसी टीकाकरण को महामारी से बाहर निकालने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया भी मानती है। एक वैक्सीन आपके शरीर को किसी बीमारी या संक्रमण से लडऩे के लिए तैयार करती है। वैक्सीन में किसी जीव के कुछ कमजोर या निष्क्रिय अंग होते हैं, जो बीमारी को रोकने में मददगार होते हैं। ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को संक्रमण की पहचान करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके खिलाफ शरीर में एंटीबाडी बनाते हैं, जो बाहरी हमले से लडऩे में हमारे शरीर की मदद करती है।

दो तरह की लगाई जा रही वैक्सीन

देश में दो तरह की वैक्सीन लगाई जा रही है, एक है कोविशील्ड, दूसरी कोवैक्सीन। कोविशील्ड को एस्ट्राजेनेका और आक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया इसका उत्पादन कर रही है। वहीं कोवैक्सीन को भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है।

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