Hello Doctor : मुंह के रोगों से शरीर के अन्य हिस्सों में बढ़ सकती हैं बीमारियां
मुंह के रोगों में शुमार प्रमुख रोग का नाम पायरिया है जो दांतों की आम बीमारी है। ये कहना है काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सा विभाग के पूर्व संकाय प्रमुख व इंडियन डेंटल एसोसिएशन (यूपी) के अध्यक्ष प्रो. टीपी चतुर्वेदी का।
वाराणसी, जेएनएन। मुंह के रोगों से शरीर के अन्य हिस्सों में बीमारियां बढ़ सकती हैं। शुगर, हृदय रोग, फेफड़े में समस्या के साथ ही पेट संबंधी रोग बढ़ सकते हैं या हो सकते हैं। मुंह के रोगों में शुमार प्रमुख रोग का नाम पायरिया है जो दांतों की आम बीमारी है। ये कहना है काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सा विभाग के पूर्व संकाय प्रमुख व इंडियन डेंटल एसोसिएशन (यूपी) के अध्यक्ष प्रो. टीपी चतुर्वेदी का। वह बुधवार को दैनिक जागरण की ओर से आयोजित हैलो डाक्टर में फोन पर पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि दांतों के टेढ़े-मेढ़े होने का कारण वंशानुगत व वातावरणीय है जिसमें अंगूठा और होंठ को चूसना शामिल है। दांतों की कई समस्याएं स्वयं के प्रयास से दूर की जा सकती हैं। इसके लिए कुछ का अभ्यास दैनिक दिनचर्या में शामिल करना होगा। मुंह की सफाई समेत पोषक व रेशायुक्त आहार दांतों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं।
-दांत 60-70 साल की अवस्था के बाद खराब होने लगते हैं। मेरी अवस्था 50 साल है। सुरक्षा के लिए क्या करें।
- अमरनाथ सिंह, मीरजापुर।
0-हरी शाक-सब्जियां खाएं। दांतों में चिपकने वाली चीजों को खाने से परहेज करें। सुबह-शाम दातों की सफाई करें। सप्ताह में दो-तीन दिन नमकयुक्त गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
-मेरी उम्र 71 साल है। दांत का जड़ कमजोर हो गया है। कृपया सुझाव दें।
-अशोक गुप्ता, कबीरचौरा, वाराणसी।
0-दांतों व मसूड़ों के बीच गंदगी जमा होने से दांत कमजोर होते हैं। पायरिया की सफाई जरूरी है। माउथवाश ले लें और कुल्ला करें।
-मेरी आयु 62 साल है। हमारे 20-25 दांत आधा टूट गए हैं और आधा मसूड़े के अंदर हैं।
-राजेंद्र पांडेय, वाराणसी।
0-चिकित्सक से मिलकर दांतों की विधिवत जांच व इलाज कराएं। उसमें ओवर डेंचर लगवा लें।
-मेरे पापा के तालू में दांत आ गया है। पस आ रहा है।
-स्नेहा गुप्ता, कबीरचौरा, वाराणसी।
0-तालू में दांत फंसे होते हैं। पस की थैली बनी होती है। डाक्टर से मिलकर उसे निकलवा दें।
-मेरी उम्र 42 साल है। मेरे दांत घिस गए हैं। समस्या होती है।
-पूनम पांडेय, आजमगढ़।
-ज्यादा रगड़कर ब्रश या दातून न करें। कड़ी चीज का सेवन न करें। फ्लोराइडयुक्त पेस्ट ले सकती हैं।
-सामने के दांतों में इन दिनों खाली-खाली दिखने लगा है, जबकि अभी मेरी आयु 38 साल ही है।
-दीपक निगम, जौनपुर।
0-उम्र के साथ दांतों के बीच फैलाव स्वाभाविक है। ज्यादा दिक्कत हो तो डाक्टर से मिलें। हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है।
-मेरी आयु 23 साल है। दांतों में झनझनाहट व पीलापन के साथ कालापन भी दिखने लगा है।
-विकास शर्मा, मऊ।
0-सफाई कराइए। ठंडा-गरम खाने से बचिए। ब्रश या दातून दिन में दो बार करिए। पीलापन सफाई से खत्म हो जाएगा।
-आगे के दांत बड़े-बड़े और बगल के अत्यधिक नुकीले हैं।
-स्मृति सिंह, वाराणसी।
0-दांतों में टेढ़ापन कई कारणों से होता है। तार लगवाने से सीधा हो जाएगा। घबराने की जरूरत नहीं है।
-दांतों में ठंडा या गरम चीजों को लेने में परेशानी होती है।
-माधुरी कपूर, गाजीपुर।
0-पायरिया के लक्षण हैं। इसकी वजह से शुगर हो सकता है। इसे नियंत्रित करना होगा। डेंटल के डाक्टर से सफाई कराएं।
-एक साल का बच्चा है। दांत नहीं निकल रहे हैं।
-अजय सिंह, आजमगढ़।
-सामान्यत: बच्चों में दांत छह से नौ माह में निकलते हैं। पहला दांत निकलने में कभी-कभी डेढ़ साल का समय भी लग जाता है। हालांकि दो साल तक चिंता करने की बात नहीं है। कैल्शियमयुक्त आहार देते रहें।
-मेरी अवस्था 65 साल है। कैप लगाए दांत के बगल वाले दांत में दर्द हो रहा है।
-वीर बहादुर, गाजीपुर।
0-दूसरे दांत में भी सडऩ शुरू हो गई है। सफाई करानी होगी। इसे डाक्टर से दिखाएं। फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट करना उचित रहेगा।
इन्होंने भी किए सवाल
संतोष मोदनवाल, ऋषभ वर्मा, अमित साहू, बृजभानु व राजेश सेठ (सभी आजमगढ़), विनय यादव, सतीश पांडेय, शैलेंद्र सिंह (सभी गाजीपुर), अजय सिंह-बलिया, सुमित-मऊ, चंदन जायसवाल-जौनपुर, सुरेश प्रजापति- भदोही, आयुष कुमार-मीरजापुर, प्रशांत चौधरी-चंदौली, वीरेंद्र गिरी-करौंदी, मीरा, शशि गुप्त व रीता यादव (सभी वाराणसी)।