ज्ञानवापी परिक्षेत्र मामले में अलग-अलग तिथियों पर होगी सुनवाई, अदालत ने तय की तिथियां

वर्ष 1991 में ज्ञानवापी में नए मंदिर निर्माण और हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार आदि को लेकर प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेवरनाथ की ओर से पक्षकार पं. सोमनाथ व्यास हरिहर पांडेय आदि ने मुकदमा दायर किया था।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 07:59 PM (IST)
ज्ञानवापी परिक्षेत्र मामले में अलग-अलग तिथियों पर होगी सुनवाई, अदालत ने तय की तिथियां
दो अलग-अलग अदालत में लंबित मामलों में सुनवाई के लिए शुक्रवार को अगली तिथियां तय कर दी गई हैं।

वाराणसी, जेएनएन। ज्ञानवापी परिक्षेत्र में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार देने को लेकर दो अलग-अलग अदालत में लंबित मामलों में सुनवाई के लिए शुक्रवार को अगली तिथियां तय कर दी गई हैं। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) आशुतोष तिवारी की अदालत में चल रहे मामले में अग्रिम सुनवाई के लिए चार मार्च तो सिविल जज सीनियर डिवीजन एमके सिंह की अदालत ने नौ मार्च की तारीख नियत की है।

वर्ष 1991 में ज्ञानवापी में नए मंदिर निर्माण और हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार आदि को लेकर प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेवरनाथ की ओर से पक्षकार पं. सोमनाथ व्यास, हरिहर पांडेय आदि ने मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत में चल रही है। उक्त मामले में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने दस दिसंबर 2019 को ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से राडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की मांग की है।

इस बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से  स्वयं को वाद मित्र बनाये जाने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि उक्त प्रकरण में हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की।

उधर काशी विश्वनाथ के मूल मंदिर स्थान, मां श्रृंगार, मां गंगा गौरी, भगवान गणेश व नंदी की पूजा-अर्चना और अधिकार को लेकर दाखिल दावा पर सुनवाई के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन एमके सिंह ने नौ मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी। यह मुकदमा अधिवक्ता हरिशंकर जैन व अन्य पक्षकारों द्वारा 18 फरवरी 2021 को प्रभारी सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल किया गया था। उक्त मुकदमे में केंद्र व प्रदेश सरकार, डीएम, एसएसपी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिपक्षी बनाया गया है।अदालत ने इसे प्रकीर्णवाद के रुप में दर्ज करते हुए पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

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