सुनिए सरकार, बढ़ी जीएसटी वापस लेकर करने दें कारोबार, फैम मंच से वाराणसी के व्यापारियों ने उठाई आवाज

फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) की सोमवार को आनलाइन बैठक हुई। इसमें वाराणसी के व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा जनवरी 2022 से रेडीमेड वस्त्रों पर जीएसटी की दर पांच फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद करने का विरोध जताया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:01 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:01 PM (IST)
सुनिए सरकार, बढ़ी जीएसटी वापस लेकर करने दें कारोबार, फैम मंच से वाराणसी के व्यापारियों ने उठाई आवाज
फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) की सोमवार को आनलाइन बैठक हुई।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) की सोमवार को आनलाइन बैठक हुई। इसमें व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा जनवरी 2022 से रेडीमेड वस्त्रों पर जीएसटी की दर पांच फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद करने का विरोध जताया। कहा कि कर के बोझ से सामान्य व्यापारियों की कमर अब और टूट जाएगी। रेडीमेड गारमेंटस एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेश जायसवाल ने कहा कि सरकार के पास इनपुट टैक्स की समस्या है। धागों पर कर ज्यादा है, वहीं कपड़ों पर कम। जबकि धागे से कपड़े का निर्माण होता है। टेक्सटाइल कपड़ों पर पांच फीसद की दर से जीएसटी है।

वहीं कपड़ों से रेडीमेड वस्त्रों का निर्माण होता है। सरकार को टेक्सटाइल कपड़ों पर टैक्स बढ़ाना चाहिए न कि रेडीमेड वस्त्रों पर। व्यापारी अशोक जायसवाल ने इस आदेश की विसंगतियों पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि जीएसटी की मौजूदा दर पांच फीसद है। यदि उसमें वृद्धि की गई तो कपड़े काफी महंगे हो जाएंगे। फेडरेशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम मिश्रा ने इस आदेश को तुगलकी करार देते हुए अविलंब निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से जीएसटी कलेक्शन काफी कम हो जाएगा। प्रदेश महामंत्री भूपेंद्र सिंह सोबती ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों को रोटी, कपड़ा और मकान देने की है। इस आदेश के लागू होने के बाद गरीब लोगों से अब कपड़े छिन जाएगा। संगठन मंत्री जितेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि ईंधन के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट भाड़ा में वृद्धि हुई है। अब जीएसटी के कारण कपड़ों और महंगे होंगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी सोमनाथ विश्वकर्मा ने जीएसटी रेट में कोई भी वृद्धि न करने का अनुरोध किया। राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र गोयनका ने कहा कि जीएसटी दर कम होने से व्यापारी स्वतंत्र होकर कार्य करेगा। उसकी बिक्री बढ़ेगी तो जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ेगा। सरंक्षक श्रीनारायण खेमका, गोकुल शर्मा, यूआर सिंह, अनुज डिडवानिया, मनीष गुप्ता, रजनीश कन्नौजिया, वेदप्रकाश अग्रवाल, गौरव सोनेजा, संजय सिंह, शैलेश जायसवाल, कैलाश यादव, अनिल सेठ आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

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