मकर संक्रांति के जायके में छिपा सेहत का खजाना, जानिए किस जायके में छिपे हैं कौन से सेहत के राज

दिन देश भर में अलग-अलग समुदायों के लोग अलग- अलग रूपों और मान्‍यताओं के साथ तिल चावल उड़द की दाल और गन्‍ने से बने गुड़ का सेवन करते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 05:35 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jan 2020 05:05 PM (IST)
मकर संक्रांति के जायके में छिपा सेहत का खजाना, जानिए किस जायके में छिपे हैं कौन से सेहत के राज
मकर संक्रांति के जायके में छिपा सेहत का खजाना, जानिए किस जायके में छिपे हैं कौन से सेहत के राज

वाराणसी [कृष्‍ण बहादुर रावत]। मकर संक्रांति का पर्व प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है। इस दिन देश भर में अलग-अलग समुदायों के लोग अलग- अलग रूपों और मान्‍यताओं के साथ तिल, चावल, उड़द की दाल और गन्‍ने से बने गुड़ का सेवन करते हैं। इन सभी सामग्रियों में सबसे ज्यादा महत्व तिल का दिया गया है। इस दिन कुछ अन्य चीज भले ही न खाएं किन्तु किसी न किसी रूप में तिल भारतीय परंपरा में जरूर खाया जाता है।

कई जगहों पर इस दिन को तिल के महत्व के कारण मकर संक्रांति पर्व को तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मंकर संक्रांति में जिन चीजों को खाने में शामिल किया जाता है उसके पीछे आध्यात्मिकता के साथ चिकित्सकीय कारण भी है। इस दिन खाये जाने वाले पदार्थ पौष्टिक होने के साथ ही साथ सर्दी में शरीर को गर्म रखने वाले पदार्थ भी शामिल हैं। 

वाराणसी में राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार हेमंत ऋतु के बाद शिशिर ऋतु का प्रारंभ होता है जिसमे ठंडी हवा, वर्षा का अधिक प्रकोप होता है तथा वायु के कारण शरीर में रूखापन बढ़ता है। इस समय ऐसे पदार्थ का सेवन करना चाहिए जो स्निग्ध, गुरु और वात नाशक हो तथा गर्म तासीर का हो। 

 

तिल के फायदे- 

1.  तिल में तेल की प्रचुरता रहती है और इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाये जाते हैं। 

2. तिल में सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। इसे जब गुड़ में मिलाकर खाते हैं तो इसके हेल्थ बेनिफिट्स और बढ़ जाते हैं। 

3. गुड़ की तासीर भी गर्म होती है, तिल और गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं।

4. आयुर्वेद में औषधि के रुप में काले तिलों से प्राप्त तेल अधिक उत्तम समझा जाता है।

5. तिल प्रकृति से मधुर, भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, गर्म तासीर की, कफ तथा पित्त को कम करने वाली, बलदायक, बालों के लिए हितकारी, स्पर्श में शीतल, त्वचा के लिए लाभकारी, दूध को बढ़ाने वाली, घाव भरने में लाभकारी, दांतों को उत्तम करने वाली, मूत्र का प्रवाह कम करने वाली होती है।

6. तिल तेल मधुर, पित्तकारक, वातशामक, सूक्ष्म, गर्म, स्निग्ध, पथ्य तथा तीखा होता है।

 

गुड़ के फायदे-

1. शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। एनिमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।

2. गुड़ की तासीर गरम होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में करने की सलाह दी जाती है। 

3. यह कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों में समृद्ध होता  है। 

4. गुड़ त्वचा और शरीर के हर हिस्से को पोषण प्रदान करने में मदद करता है।

उड़द के फायदे-

1. उड़द प्रकृति से मधुर, गर्म तासीर की होती है। 

2. उड़द की दाल वात कम करने वाली, शक्तिवर्द्धक, खाने में रुचि बढ़ाने वाली, कफ पित्तवर्धक, शुक्राणु बढ़ाने वाली, वजन बढ़ाने वाली,रक्तपित्त के प्रकोप को कम करने वाली, मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद तथा परिश्रम करने वालों के लिए उपयुक्त आहार होता है। 

3. उड़द की दाल नपुंसकता में भी फायदेमंद होती है।

दही के फायदे

1. दही में प्रोटीन, लैक्टोज, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस पाया जाता है।

2. आयुर्वेद के अनुसार दही गर्म तासीर वाली, गुरु, चिकनाई युक्त, और पाचन शक्ति बढ़ाने वाला होता है। 

3. यह लैक्टोबेसिलस का मुख्य स्रोत है जो पेट के रोगों में फायदा करता है।

4. गर्म तासीर के कारण हेमंत और शिशिर ऋतु में दही का सेवन अच्छा माना गया है।

अचार के गुण-

विभिन्न स्वाद में उपलब्ध अचार भारतीय थाली के जायके को और अधिक बढ़ाने का काम करते हैं। कोई भी अचार मुख्य रूप से मसालों, सरसों के तेल, नमक और सिरके से ही तैयार होता है।

1. अचार मुख्य रूप से उष्ण वीर्य होते है जिससे पाचन शक्ति ठीक रहती है।

2. इसमे प्रयुक्त मसाले एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है। साथ की बहुत से विटामिन भी इसमे पाए जाते है।

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