यूपी के 12 जनपदों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का स्वास्थ्य मंत्री 12 जुलाई को करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

बनारस सहित प्रदेश के 12 जिलों में 12 जुलाई से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह लखीमपुर खीरी से 12 जुलाई को वर्चुअली करेंंगे जिसमें संबंधित जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी जुड़ेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 07:30 AM (IST)
यूपी के 12 जनपदों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का स्वास्थ्य मंत्री 12 जुलाई को करेंगे वर्चुअल उद्घाटन
स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह लखीमपुर खीरी से 12 जुलाई को वर्चुअली उद्घाटन करेंंगे

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस सहित प्रदेश के 12 जिलों में 12 जुलाई से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह लखीमपुर खीरी से 12 जुलाई को वर्चुअली करेंंगे, जिसमें संबंधित जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी जुड़ेंगे। इसके लिए शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने वेबिनार का आयोजन किया। इसमें कार्यक्रम की रूपरेखा तय करते हुए जनसामान्य के लिए इसके महत्व को रेखांकित किया गया। अपर निदेशक मलेरिया व वीबीडी एवं राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. बिंदु प्रकाश ने कहा कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 12 जनपदों (वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, कानपुर देहात, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, हरदोई, सीतापुर, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी एवं उन्नाव) में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) कार्यक्रम आगामी 12 जुलाई से शुरू करने जा रही है।

अभियान में सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी, अल्बेंडाज़ोल तथा आईवरमेक्टिन की निर्धारित खुराक स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएंगी। किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जायेगा। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जाएंगी। इस दवा का सेवन खाली पेट बिल्कुल नहीं करना है।

शुगर, अर्थरायटिस के मरीज भी खा सकते हैं दवा

डा. सिंह ने बताया कि रक्तचाप, शुगर, अर्थरायटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। कहा, यदि किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, जो दवा खाने से नष्ट हो जाते हैं।

प्रदेश में लिम्फेडेमा के हैं 87175 मरीज

विश्व स्वास्थ्य संगठन की राज्य एनटीडी समन्वयक डा. तनुजा शर्मा ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020- 2021 के आंकड़ों के अनुसार हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) के 28,427 मरीज और लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) के 87,175 मरीज हैं। बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रतिनिधि डा. भूपेंद्र त्रिपाठी, पाथ के प्रतिनिधि डा. शोएब अनवर, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के प्रतिनिधि ध्रुव सिंह, सीफार की प्रतिनिधि रंजना द्विवेदी, डा. वीपी सिंह, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज अनुज घोष आदि ने विचार व्यक्त किए।

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