वाराणसी के सीएचसी-पीएचसी में मरीज देखेंगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सप्ताह में तीन दिन देंगे चिकित्सीय परामर्श

वाराणसी में कोरोना संक्रमण काबू में आते ही सरकार सामान्य मरीजों के तकलीफों को दूर करने में जुट गई है। शासनादेश जारी कर अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी ओपीडी में मरीज देखने के लिए आदेशित किया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:20 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:20 PM (IST)
वाराणसी के सीएचसी-पीएचसी में मरीज देखेंगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सप्ताह में तीन दिन देंगे चिकित्सीय परामर्श
अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी ओपीडी में मरीज देखने के लिए आदेशित किया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काबू में आते ही सरकार सामान्य मरीजों के तकलीफों को दूर करने में जुट गई है। शासनादेश जारी कर अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी ओपीडी में मरीज देखने के लिए आदेशित किया गया है। इस क्रम में सीएमओ डा. वीबी सिंह ने चिकित्साधिकारियों की सूची तैयार कर ली है। सभी चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सप्ताह में तीन दिन ओपीडी सेवा अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से देंगे। इस पहल की शुरुआत जनपद में सोमवार से होगी।

चिकित्सक नियमित रूप से अपनी ओपीडी में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाएं लिखेंगे। वहीं प्रत्येक स्वास्थ्य अधिकारी दो घंटे तक अनिवार्य रूप से मरीज देखेंगे। इस क्रम में सीएमओ डा. वीबी सिंह शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-दुर्गाकुंड की ओपीडी में अपनी सेवाएं देंगे। इस दौरान वे हृदय रोग से संबंधित मरीजों का चिकित्सीय परीक्षण करते हुए दवा लिखेंगे। वहीं सीएमओ कार्यालय के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके गुप्ता सीएचसी गंगापुर, डा. पीपी गुप्ता सीएचसी मिसिरपुर, डा. एके मौर्या अर्बन सीएचसी चौकाघाट व डा. संजय राय स्वामी विवेकानंद मेमोरियल हास्पिटल-भेलूपुर में मरीजों को देखेंगे। सभी के लिए कम से कम दो घंटे की ओपीडी अनिवार्य होगी। इस दौरान वे अपनी विशेषज्ञता के अनुसार न केवल मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे, बल्कि जरूरी जांच व दवा भी लिखेंगे।

पांचवें तल से कार्यालय नए भवन में शिफ्ट होने के बाद खाली हुई है जगह

बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के ट्रामा सेंटर में प्राइवेट वार्ड बनाए जाएंगे। इसे पांचवें तल पर बनाया जाएगा। यहां पहले अधिकारियों के कार्यालय थे जिन्हें ट्रामा सेंटर के पीछे बने नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। इससे यह जगह खाली हो गई है। यहीं पर सर्जनों के लिए स्किल सेंटर भी बनाया जाएगा ताकि वे आपरेशन की नई एवं आधुनिक तकनीकी के बारे में प्रशिक्षण ले सकें। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में पैथालाजी जांच के लिए लैब भी शुरू करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूर्वांचल का सबसे बड़ा 334 बेड का ट्रामा सेंटर काशी में हैं। इसमें फिलहाल आइएमएस के तीन विभाग अॅर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी एवं प्लास्टिक सर्जरी संचालित हो रहे हैं। ये तीनों विभाग करीब छह साल पहले सर सुंदरलाल अस्पताल से शिफ्ट हैं। ट्रामा सेंटर के पांचवें तल्ले पर प्रोफेसर इंचार्ज, सहायक रजिस्ट्रार सहित कई कार्यालय थे।

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