स्कूलों का लेखा-जाेखा भी रखेंगे अब परिषदीय विद्यालय के हेडमास्टर, वित्‍तीय अनियमितता को रोकने की कवायद

headmaster of council school अब प्रदेश भर के हेडमास्टर परिषदीय विद्यालयों का लेखा-जोखा भी रखेंगे। सभी विद्यालयों के हेडमास्टरों को नियमानुसार रोकड़ बही लेज़र भी बनाने का निर्देश दिया गया है। ताकि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:32 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:32 AM (IST)
स्कूलों का लेखा-जाेखा भी रखेंगे अब परिषदीय विद्यालय के हेडमास्टर, वित्‍तीय अनियमितता को रोकने की कवायद
प्रदेश भर के हेडमास्टर परिषदीय विद्यालयों का लेखा-जोखा भी रखेंगे।

वाराणसी, जेएनएन। अब हेडमास्टर परिषदीय विद्यालयों का लेखा-जोखा भी रखेंगे। सभी विद्यालयों के हेडमास्टरों को  नियमानुसार रोकड़ बही, लेज़र भी बनाने का निर्देश दिया गया है। ताकि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके।

पहले परिषदीय विद्यालयों को कोई अनुदान नहीं मिलता है। वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों को आपरेशन कायाकल्प सहित विभिन्न योजनाओं में समय-समय पर अनुदान मिल रहा है। विद्यालय के हेडमास्टर इसका उपयोग भी कर रहे हैं। इसके बावजूद तमाम विद्यालयों के पास खर्च कोई विवरण नहीं है। गत दिनाें वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने जनपद के कई विद्यालयों का निरीक्षण किया तो यह बात खुल कर सामने आई। ज्यादातर विद्यालयों ने अपनी व्यक्तिगत डायरी में आय-व्यय का विवरण लिखें हुए हैं। ऐसे में इसकी आडिट संभव नहीं हैं। इसे देखते हुए हेडमास्टरों को अब कैशबुक लिखने की भी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है।

दरअसल प्रधानाध्यापक विद्यालय के शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ प्रशासनिक कार्य करते हैं। इसमें वित्तीय कार्य भी शामिल हैं। वहीं जानकारी के अभाव में हेडमास्टर खाता-बही नहीं बना रहे हैं जो गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। इसे देखते हुए जनपद के सभी हेडमास्टरों को पहले आनलाइन प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है। वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक) अनूप मिश्र ने बताया कि हेडमास्टरों को प्रशिक्षित करने की रूपरेखा बना ली गई है।

10-10 हेडमास्टर का ग्रुप बनाकर गूगल मीट के माध्यम से आनलाइन प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा रोकड़ बही, लेज़र बनाने की विधि का वीडियाे बनाया जा रहा है। इसे यू-ट्यूब में अपलोड किया जाएगा ताकि सूबे के सभी हेडमास्टरों के लिए उपयोगी साबित हो। उन्होंने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष से सभी विद्यालयों को अनिवार्य रूप से रोकड़ बही, लेज़र बनाने का निर्देश दिया गया है। बीच-बीच में निरीक्षण के दौरान में हेडमास्टरों को रोकड़ बही के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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