जौनपुर में कोरोना संक्रमण के चलते औद्योगिकी इकाइयां से उत्पादन हुआ आधा, नहीं मिल रहे आर्डर
गतवर्ष संक्रमण के चलते तीन माह तक पूरी तरह ठप रहीं। जून माह से फैक्ट्रियां चलनी शुरू हुई। इस दौरान पूरी क्षमता से उत्पादन भी नहीं कर पाईं कि पुन बढ़े कोरोना संक्रमण के चलते उत्पाद की जहां बिक्री घट गई वहीं आर्डर नहीं मिल रहे हैं।
जौनपुर, जेएनएन। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र में एक बार फिर संकट के बादल मड़राने लगे हैं। उत्पाद की बिक्री के आर्डर कम होने के कारण अधिकांश फैक्ट्रियां एक शिफ्ट में चल रही हैं। गोदाम में माल भरे पड़े हैं। इसे लेकर उद्यमी परेशान हो गए हैं।
गतवर्ष संक्रमण के चलते तीन माह तक पूरी तरह ठप रहीं। जून माह से फैक्ट्रियां चलनी शुरू हुई। इस दौरान पूरी क्षमता से उत्पादन भी नहीं कर पाईं कि पुन: बढ़े कोरोना संक्रमण के चलते उत्पाद की जहां बिक्री घट गई वहीं आर्डर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे अधिकांश फैक्ट्रियां आधी क्षमता से उत्पादन कर रही हैं। उत्पादित माल की बिक्री भी नहीं हो रही है। उद्यमियों का कहना है कि एमएसएमई को मजबूत करने के लिए सरकार ने बीस लाख करोड़ राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को उसका कुछ खास लाभ नहीं मिल पाया है। बैंकों ने कुछ उद्यमियों की कैश क्रेडिट लिमिट अवश्य बढ़ा दी है, लेकिन आर्डर न मिलने से समस्या बढ़ रही है। फिलहाल फैक्ट्रियों को पूर्ववत अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन करने में लंबा समय लग सकता है।
16 करोड़ का हुआ था नुकसान
सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र में कुल 114 इकाइयां संचालित हैं। कोरोना संक्रमण के चलते गतवर्ष मार्च, अप्रैल व मई तीन माह तक पूरी तरह फैक्ट्रियों के बंद होने से लगभग 16 सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। जिसकी भरपाई करने के लिए उद्यमी जद्दोजहद कर रहे थे कि पुनः संक्रमण ने घेर लिया। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत लगभग चार हजार कामगारों की रोजी-रोटी पर संकट के बादल मड़राने लगे हैं।
इन फैक्ट्रियों का होता है संचालन
सतहरिया में लगभग 65 फैक्ट्रियां भवन, पुल आदि निर्माण सामग्री सरिया, लोहे का एंगल, सीमेंट, तार की जाली, इंटरलाकिंग ईंट, सीमेंट चादर, सीमेंट पिलर व जाली आदि सामग्री बनाती हैं। वहीं 15 फैक्ट्रियों में खाद्य सामग्री व शीतल पेय, बाकी अन्य घरेलू उपयोग के सामान, मशीनरी तथा केमिकल का उत्पादन होता है। इन दिनों मांग कम होेने से निर्माण सामग्री बनाने वाली इकाइयां लगभग आधी क्षमता से उत्पादन कर रही हैं। खाद्य सामग्री व शीतल पेय बनाने वाली इकाइयां मात्र 15 से 20 फीसद ही उत्पादन कर पा रही हैं। घरेलू उपयोग के सामान व मशीनरी तथा केमिकल का भी उत्पादन 25 से 30 फीसद तक हो रहा है। सरकार ने सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के लिए 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया है, लेकिन सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को बैंकों के हीला हवाली के चलते कुछ खास राहत नहीं मिल पाई है। बैंक गाइड लाइन न उपलब्ध होने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
उत्पाद के आर्डर नहीं मिल रहे हैं
सतहरिया के उद्यमी आइआइए जौनपुर चैप्टर के अध्यक्ष बृजेश यादव कहते हैं कि औद्योगिक इकाइयां अभी तक अपनी क्षमता का आधा ही उत्पादन कर पा रही थीं। संक्रमण बढ़ने से और संकट गहरा गया है। उत्पाद के आर्डर नहीं मिल रहे हैं। गोदामों में माल भरा पड़ा है। बैंकों से भी सीसी लिमिट बढ़ाने के अतिरिक्त कुछ अन्य लाभ नहीं मिल रहा है।
इसी तरह सीडा उद्यमी विकास समिति के अध्यक्ष शिवाजी सिंह ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में कामगारों का वेतन एवं अन्य खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। उद्यमियों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। कच्चे माल की आपूर्ति व उत्पाद की बिक्री में भारी कठिनाई आ रही है। बैंक गाइड लाइन न उपलब्ध होने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं।