वाराणसी में कोरोना का टीका लगवाने में पिछड़ रही आधी आबादी, 113185 महिलाएं हुईं प्रतिरक्षित

वाराणसी में पुरुषों की भागीदारी 60.77 फीसद रही तो वहीं केवल 39.22 फीसद महिलाएं टीका लगवाने पहुंच सकीं। डाक्टरों की मानें तो इस 20 फीसद अंतर के पीछे की बड़ी वजह महिलाओं की हिचक ही है। गांव हो या शहर टीकाकरण को लेकर कुछ लोगों के मन में शंका है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:10 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:10 AM (IST)
वाराणसी में कोरोना का टीका लगवाने में पिछड़ रही आधी आबादी, 113185 महिलाएं हुईं प्रतिरक्षित
पुरुषों की भागीदारी 60.77 फीसद रही, तो वहीं केवल 39.22 फीसद महिलाएं टीका लगाईं हैं।

वाराणसी, जेएनएन। जिले में टीकाकरण की शुरुआत तो वैसे 16 जनवरी को हुई, लेकिन सामान्य लोगों को एक अप्रैल से प्रतिरक्षित किया जा रहा है। इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व 45 से 59 वर्ष तक के लोगों को शामिल किया गया। वहीं 18 से 44 वर्ष के लोगों को एक मई से टीका लगाया जा रहा है। दोनों ही वर्ग में 12 मई तक 2.88 लाख लाभार्थियों को टीका लगा दिया गया। इसमें जहां पुरुषों की भागीदारी 60.77 फीसद रही, तो वहीं केवल 39.22 फीसद महिलाएं टीका लगवाने पहुंच सकीं।

डाक्टरों की मानें तो इस 20 फीसद अंतर के पीछे की बड़ी वजह महिलाओं की हिचक ही है। गांव हो या शहर अब भी टीकाकरण को लेकर कुछ लोगों के मन में शंका है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग शुरू से ही टीकाकरण को लेकर समाज को जागरुक करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए आशा-एएनएम के माध्यम से सुदूर गांव में भी लाेगों को टीकाकरण के फायदे बताए जा रहे हैं। इन सारे प्रयासाें के बाद भी महिलाओं के भागीदारी की दर सुस्त ही रही। अब तक कुल 288570 लाभार्थियों का टीकाकरण हो चुका है, जिनमें 175385 पुरुष तो वहीं 113185 महिलाएं शामिल हैं। स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर सहित 18 वर्ष से अधिक उम्र के 369668 लाभार्थी प्रतिरक्षित किए जा चुके हैं। 288615 लोगों ने पहली एवं 81053 ने दूसरी डोज का टीका लगवाया। 304384 को कोविशील्ड एवं 65284 को कोवैक्सीन की डोज दी गई।

टीकाकरण की स्थिति

वर्ग लाभार्थी

60 प्लस 98998

45 से 59 125165

30 से 45 38946

18 से 30 25441

अव्यवस्था के बीच वैक्सीनेशन, तीन घंटे तक मचा हो हल्ला

लाइन में लगने वालों को की पर्ची देकर नम्बर लगाया जा रहा है। निर्धारित अवधि में जाने वालों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बुजुर्गों तक को तरजीह नहीं दी जा रही है। न बैठने की व्यवस्था न लाइन में शारीरिक दूरी के अनुपालन कराने की कोई व्यवस्था है। किसी ने शारीरिक दूरी बनाने की कोशिश की तो पर्ची मिलना संभव नहीं। न मौके पर किसी जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी न ही कोई मजिस्ट्रेट की निगरानी। यह सब दिखा गुरुवार को राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के वैक्सीनेशन सेंटर पर। तीन घंटे तक बाहर लोग बिना शारीरिक दूरी के अनुपालन किए खड़ा रहे। तू-तू-मैं- मैं के बीच हो हल्ला होता रहा लेकिन वह अपनी व्यवस्था से ही काम करने पर आमादा रहे। आनलाइन नम्बर लगाने वालों का तय समय पर बुलाया गया था। बुकिंग कराने वालों का नाम व आधार नम्बर नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया गया गया था। नाम देखने के बाद लाइन लोग लाइन में लग रहे थे। घंटों बाद उन्हें पर्ची थमायी जा रही थी। इसके बाद नम्बर आने पर वैक्सीनेशन को बुलाया जा रहा था। बुजुर्गों के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं थी।

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