वाराणसी में दीवार गिरने से मलबे में दबकर दादा और पोते की मौत, जेसीबी की मदद से निकाला शव

गांव निवासी संदीप सिंह (38) पुत्र स्व. कुबेर सिंह रविवार की सुबह अपने गाय को लेकर खेत की तरफ जा रहे थे। वही इनका चचेरा पोता शिवांश सिंह (14) पुत्र समरजीत उर्फ आशीष सिंह जो कक्षा पांच का छात्र था दुकान से बिस्कुट लेकर घर की तरफ आ रहा था।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 12:56 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 12:56 PM (IST)
वाराणसी में दीवार गिरने से मलबे में दबकर दादा और पोते की मौत, जेसीबी की मदद से निकाला शव
कच्चे मकान की दीवार अचानक गिर जाने से मलबे में दबकर दादा और पोते की मौत हो गई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कपसेठी थाना क्षेत्र के अकोढा गांव में रविवार की सुबह कच्चे मकान की दीवार अचानक गिर जाने से मलबे में दबकर दादा और पोते की मौत हो गई। परिजनों के अनुसार दादा गाय को लेकर खेत की तरफ जा रहे थे इस दौरान पोता दुकान से बिस्कुट लेकर घर आ रहा था, हालांकि, हादसे में गाय बाल-बाल बच गई।

गांव निवासी संदीप सिंह (38) पुत्र स्व. कुबेर सिंह रविवार की सुबह अपने गाय को लेकर खेत की तरफ जा रहे थे। वही इनका चचेरा पोता शिवांश सिंह (14) पुत्र समरजीत उर्फ आशीष सिंह जो कक्षा पांच का छात्र था दुकान से बिस्कुट लेकर घर की तरफ आ रहा था। जब अपनी दालान और एक पुराने कच्चे मकान के खंडहर के बीच की गली से गुजर रहे थे। तभी अचानक कच्चे मकान की दीवार भरभरा कर गिर गई और उसके मलबे में दोनों लोग दब गए। इस दौरान साथ में मौजूद गाय बाल-बाल बच गई। शोर सुनकर गांव के लोग मलबे की तरफ दौड़े लेकिन कुछ कर नही पाए। तब जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर दोनों को बाहर निकाला गया तब तक दोनों के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।

वहीं हादसे की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष कपसेठी अनिल मिश्रा स्थानीय विधायक अवधेश सिंह बड़ा गांव के प्रमुख पति दीपक सिंह एसडीएम पिंडरा पहुंचे पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक संदीप सिंह खेती -बाड़ी का कार्य करते थे वहीं मृतक शिवांश के पिता भी खेती -बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते थे। मृतक शिवांश दो भाइयों में छोटा था उसका बड़ा भाई देवांश सिंह मंदबुद्धि का है। हादसे की जानकारी होने के बाद मां शीला सिंह का रो रो कर बुरा हाल हो गया।

वहीं संदीप सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे अभी इनके बड़े भाई राजेश सिंह की कोरोना वायरस से मौत हुई है। इनके दो पुत्र अमन सिंह और बुद्धू सिंह पढ़ाई करते हैं। जबकि हादसे के बाद पत्नी पुष्पा सिंह का रो रो कर बुरा हाल है और रह रहकर बेसुध हो जा रही थीं। हर व्यक्ति उस घड़ी को कोस रहा है कि काश सुबह यह लोग घर से न निकले होते या उस खंडहर को पहले ही गिरा दिया गया होता। 

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