वाराणसी में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बच्चों के साथ खिंचवाई फोटो, राष्ट्रीय चिह्न देख हुईं अभिभूत

तीन दिनी राजकीय प्रवास पर राज्यपाल अनन्दी बेन पटेल गुरुवार को सारनाथ भ्रमण करने पहुंचीं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 04:45 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 10:33 PM (IST)
वाराणसी में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बच्चों के साथ खिंचवाई फोटो, राष्ट्रीय चिह्न देख हुईं अभिभूत
वाराणसी में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बच्चों के साथ खिंचवाई फोटो, राष्ट्रीय चिह्न देख हुईं अभिभूत

वाराणसी, जेएनएन। अपने तीन दिनी राजकीय प्रवास पर राज्यपाल अनन्दी बेन पटेल गुरुवार को सारनाथ भ्रमण करने पहुंचीं। इस दौरान उनहोंने मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुंचकर एक विद्यालय से आये छात्रों से बातचीत कर बच्‍चों के साथ तस्‍वीर भी खिंचवाई। भ्रमण के दौरान राज्यपाल अनन्दी बेन पटेल जब मूलगन्धकुटी बौद्ध मंदिर पहुंची तो वहां हाथी बाजार जंसा के एक विद्यालय से छात्रों का ग्रुप आया था। इसको देखकर छात्र मौके से हटने लगे लेकिन राज्यपाल ने सभी बच्चों को रोककर उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।

इस दौरान कक्षा पांच के रतन प्रजापति और आराध्या से बातचीत भी की। वहीं मुजफ्फरपुर से आये पर्यटकों में दो माह की शांति गुप्ता के माथे पर हाथ फेरते हुए आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह पुत्री भाग्यशाली है कि इतने छोटे उम्र में पावन धरती पर आई और हमसे मिली। इसके बाद महाराष्ट्र से परिवार कर साथ आये 10 वर्षीय समर्थ के सिर पर हाथ रख कर फ़ोटो खिंचवाया। ऐसा पहली बार हुआ कि राज्यपाल के भ्रम्रण के दौरान यहां आने वाले पर्यटकों को घूमने में कोई रोक टोक नहीं की गई। वहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सारनाथ संग्रहालय भी देखने पहुंचीं और देश के राष्ट्रीय चिन्ह की चमक देखकर अभिभूत हुईं।

सारनाथ के विभिन्‍न मंदिरों में इस दौरान उन्‍होंने भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना भी की। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सुबह 9.45 बजे भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ संग्रहालय परिसर में सीधे कार से पहुंचीं। जहां सहायक पुरातत्व विद डा. नीतेश सक्सेना ने स्वागत किया। इसके बाद मुख्य हाल में रखे राष्ट्रीय चिन्ह शीर्ष सिंह देखा, वहीं डा. नीतेश सक्सेना ने उसके इतिहास की जानकारी दी। तत्पश्चात हिंदू गैलरी में रखें हिंदू धर्म से संबंधित मूर्तियों की जानकारी ली।

इसके बाद 10.30 बजे पुरातात्विक खंडहर परिसर में अशोक की लाट, प्राचीन मूलगन्धकुटी बौद्ध मंदिर के अवशेष, धमेख स्तूप का अवलोकन कर सीधे मूल गंध कुटी मंदिर पहुंची। जहां महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु के मेधाकंर थेरो व डॉ. बेनी माधव ने खाता भेंट कर स्वागत किया। तत्पश्चात मंदिर में भगवान बुद्ध का दर्शन पूजन करने के बाद बोधि वृक्ष परिक्रमा की। इस दौरान उन्होंने विदेशी पर्यटकों से भारत में पर्यटन को लेकर भी बातचीत की। 

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