आजमगढ़ में सरयू नदी में स्पर बनाने के कार्यों पर शासन की नजर, कटान रोकने पर विशेष निगाह

घाघरा की विभीषिका से जनता को बचाने के लिए करोड़ाें की लागत से बनाए जा रहे स्पर (ठोकर) कार्य प्रगति पर सरकार की सीधी नजर है। गुणवत्ता परखने के लिए शनिवार को सिंचाई के विशेष सचिव सगड़ी धमक पड़े। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने को तीन घंटे मौजूद रहे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:00 AM (IST)
आजमगढ़ में सरयू नदी में स्पर बनाने के कार्यों पर शासन की नजर, कटान रोकने पर विशेष निगाह
लखनऊ रवाना होने से पूर्व इंजीनियरों को बिंदुआर निर्देश दिए हुए समय पूर्व कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिए।

आजमगढ़, जेएनएन। घाघरा की विभीषिका से जनता को बचाने के लिए करोड़ाें की लागत से बनाए जा रहे स्पर (ठोकर) कार्य प्रगति पर सरकार की सीधी नजर है। गुणवत्ता परखने के लिए शनिवार को सिंचाई के विशेष सचिव सगड़ी धमक पड़े। निमार्ण कार्यों की गुणवत्ता परखने को तीन घंटे मौजूद रहे। लखनऊ रवाना होने से पूर्व इंजीनियरों को बिंदुआर निर्देश दिए हुए समय पूर्व कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिए। स्थानीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों के निर्माण कार्य पर सवाल उठाने के कारण पहले ही ज्वाइंट कमिश्नर, एसडीएम निरीक्षण कर चुके हैं। लाजिमी कि बीते साल घाघरा के उफान में सैकड़ों लोगों के अरमान बह गए थे। विनाश लीला कुछ ऐसी रही थी कि सरकार को डैमेज कंट्रोल के लिए लगना पड़ा था।

विशेष सचिव सिंचाई भूपेंद्र चौधरी शनिवार की सुबह 10 बजे ही सगड़ी में पहुंच गए। उन्होंने निरीक्षण की शुरुआत छोटी सरयू ड्रेन की सफाई देखने के साथ शुरू की। आजमगढ़ जनपद में 20 किलोमीटर व मऊ जनपद में 49 किलोमीटर छोटी सरयू की सफाई का कार्य किया जा रहा है। उसके बाद उन्होंने 15.18 लाख रुपये की परियोजना से गांगेपुर में हो रहे तीन स्पर के निर्माण की गुणवत्ता को परखने जा पहुंचे, जहां घाघरा नदी की मुख्यधारा मोड़ने को स्पर निर्माण कार्य रफ्तार से हो रहा था। उन्होंने घाघरा नदी के किनारे चल रहे कार्य का अध्ययन किया। दो और तीन लेयर बोल्डर और गिराने, ऊंचाई बढ़ाने और एलडब्लूएल 1.5 मीटर रखने, बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिए। उनका सारा जोर बरसात के पूर्व व घाघरा नदी में बाढ़ आने से पहले स्पर निर्माण का कार्य पूरा कराने पर टिका नजर आया। परियोजना की समाप्ति को 20 अगस्त की अवधि निर्धारित की गई है। लेकिन वह निर्धारित अवधि से पूर्व ही कार्य पूरा कराने को फिक्र मंद नजर आ रहे थे।

जिससे घाघरा की विभीषिका को रोका जा सके। दरअसल, बारिश के दिनों में घाघरा के उफान भरने के दौरान किसी का जोर नहीं चल पता है। बीते साल इंजीनियरों के पसीना बहाने के बाद दर्जनों गांव उसमें जा समाए थे। उन्होंने निरंतर उच्चाधिकारियों को भ्रमण कर कार्य की प्रगति देखने के भी निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने बरदहुआ बांध पर सहनुपूर 6.25 किमी. जिसकी लागत 281.25 लाख रुपये, जोकहरा 5.7 किमी. लागत 273.76 लाख रुपये से मरंमत कराया गया है, जिस पर स्लोप निर्माण के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसी भानु प्रताप सिंह व आजमगढ़ के अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार ने कार्य के प्रगति की जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान कई इंजीनियर व कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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