शासन ने मांगा स्टांप पेपर स्टॉक का लेखा-जोखा, वाराणसी कोषागार ने बीस पैकेट देने को भरी हामी

स्टांप पेपर की कमी अब प्रदेश के कई जिलों में होने लगी है। प्रदेश के एकमात्र मुख्य डिपो कानपुर में भी पांच हजार रुपये के स्टांप पेपर लगभग समाप्त हो चुके हैं। कानपुर की एक टीम इस समय बनारस में डेरा डाले हुए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:00 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 05:00 PM (IST)
शासन ने मांगा स्टांप पेपर स्टॉक का लेखा-जोखा, वाराणसी कोषागार ने बीस पैकेट देने को भरी हामी
स्टांप पेपर की कमी अब प्रदेश के कई जिलों में होने लगी है।

वाराणसी, जेएनएन। स्टांप पेपर की कमी अब प्रदेश के कई जिलों में होने लगी है। प्रदेश के एकमात्र मुख्य डिपो कानपुर में भी पांच हजार रुपये के स्टांप पेपर लगभग समाप्त हो चुके हैं। कानपुर की एक टीम इस समय बनारस में डेरा डाले हुए हैं। वाराणसी के कोषागार ने कानपुर डिपो को बीस पैकेट पांच हजार रुपये के स्टांप देने को हामी भरी है। एक पैकेट में एक हजार स्टांप पेपर होते हैं। दूसरी तरफ शासन ने समस्त जिलों से स्टांप पेपर के स्टॉक की जानकारी मांगी है।

कोषागार से जुड़े लोगों का कहना है कि पांच हजार के नीचे के स्टांप धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। कोषागार में बीस रुपये व 100 रुपये के स्टांप पेपर लगभग समाप्त हो चुके हैं। बड़े स्टांप का स्टाक मार्च तक का ही बचा है। बताया जा रहा है कि शासन ने सभी जिलों में ट्रेजरी को पत्र लिखकर स्टांप की स्थिति की जानकारी इसलिए मांगी है ताकि सही स्थिति का आकलन हो सके। इसके बाद संभव है इस माह के अंत तक सभी को स्टॉक में अधिक मात्रा में पड़े स्टांप पेपर सरेंडर करने पड़े। इसके बाद शासन स्तर से जिलों की मांग के अनुसार इसकी आपूर्ति की जाएगी। ई-स्टांप की लांचिंग के बाद स्टांप पेपर की छपाई बंद हो चुकी है, इसलिए यह समस्या आ रही है।

छोटे स्टांप की कमी का सर्वाधिक फायदा स्टांप वेंडर उठा रहे हैं। आरोप है कि वे दर से ज्यादा इसकी अच्छी-खासी कीमत वसूल कर रहे हैं। ई-स्टांप को लेकर बहुतायत वेंडर कहीं भी सजग नहीं दिख रहे हैं। वे पुराने स्टांप पेपर की खपत व अधिक मूल्य वसूलने में जुटे हुए हैं।

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