मिट्टी की सेहत सुधारने को सरकार की नर्इ पहल, खसरा खतौनी से होगी मिट्टी की मुफ्त जांच

देश की मिट्टी अपने हाथ आओ कराएं इसकी जांच। बीमार मिट्टी की सेहत सुधारने के योगी सरकार ने विशेष पहल शुरू की है।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 12:36 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 07:00 AM (IST)
मिट्टी की सेहत सुधारने को सरकार की नर्इ पहल, खसरा खतौनी से होगी मिट्टी की मुफ्त जांच
मिट्टी की सेहत सुधारने को सरकार की नर्इ पहल, खसरा खतौनी से होगी मिट्टी की मुफ्त जांच

जौनपुर, [अखिलेश सिंह]। देश की मिट्टी अपने हाथ, आओ कराएं इसकी जांच।' बीमार मिट्टी की सेहत सुधारने के योगी सरकार ने विशेष पहल शुरू की है। प्रत्येक विकास खंड में एक-एक माडल गांवों का चयन करके खसरा-खतौनी के आधार पर हर किसान के खेत की मिट्टी की मुफ्त जांच करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया जाएगा। खात पहलू है कि माडल गांव में ग्रिड के आधार पर नहीं बल्कि जोत के आधार पर नमूना लिया जाएगा। आदेश आने के साथ ही गांवों के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग और जैविक खादों न डालने से खेतों की मिट्टी बीमार होती जा रही है। बढ़ती जनसंख्या और घटते उत्पादन के कारण खाद्यान्न संकट से उबरने के लिए सरकार द्वारा अभियान चलाकर मिट्टी की जांच करने की योजना संचालित है। किसानों को इसके प्रति जागरूक भी करने का आदेश दिया गया है। व्यवस्था में खामी या जिम्मेदारों की लापरवाही कहें, कई साल से योजना के चलने के बाद भी अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था। सरकार ने इसमें सुधार के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना संचालित किया है।

मृदा जांच को लिए जाएंगे 55600 नमूने

नेशनल मिशन फार सस्टेंनेबल एग्रीकल्चर 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के लिए 55600 ग्रिड का मृदा नमूना लिए जाने का लक्ष्य है। यह नमूने जिले के 788 राजस्व गांवों से लिए जाएंगे। कृषि निदेशक के निर्देश के क्रम में 30 जून तक जिले को आवंटित लक्ष्य का 50 प्रतिशत अर्थात 27800 मृदा नमूना लिया जाएगा। इतना ही नहीं जांच में पारदर्शिता के लिए विभाग द्वारा इस बार एक और बदलाव किया गया है। इस साल ङ्क्षसचित क्षेत्र में एक हेक्टेयर व अङ्क्षसचित क्षेत्र में पांच हेक्टेयर का ग्रिड बनाकर मृदा नमूना लिया जाएगा। अनुमान के मुताबिक एक ग्रिड में लगभग पांच से दस किसान आएंगे। जबकि पूर्व में ङ्क्षसचित क्षेत्र में 2.5 और अङ्क्षसचित क्षेत्र में दस हेक्टेयर का ग्रिड बनाकर नमूना लिया जाता था।

जनपदीय प्रयोगशाला

मुख्य व सूक्ष्म पोषक तत्वों का विश्लेषण जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, अम्ल, आर्गेनिक, कार्बन, ङ्क्षजक, मैग्नीज, कापर, आयरन, बोरान, विद्युत चालकता आदि की जांच

तहसील स्तरीय प्रयोगशाला:-मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश की जांच।

जनपद की मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता

तत्व- उर्वरता स्तर

सल्फर-निम्न

ङ्क्षजक-सीमांत

आयरन-सीमांत

कापर-पर्याप्त

मैग्नीज-सीमांत

नाइट्रोजन व आर्गेनिक कार्बन-निम्न

फास्फोरस- बहुत कम

पोटाश-मध्यम

विद्युत चालकता-सामान्य

अम्ल अनुपात-सामान्य

जनपद में मिट्टी के जांच की तैयारी पूरी कर ली गई है। जिला मुख्यालय स्थित प्रयोगशाला की सभी मशीनें बदल दी गई हैं। वहीं तहसील स्तर की मशीनों को भी बदला जा रहा है। लक्ष्य आने के साथ ही 20 मई से कर्मचारियों द्वारा मृदा नमूना लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। माडल गांवों का चयन 25 मई तक हर हाल में कर लिया जाएगा। जून माह में चलने वाले अभियान में लक्ष्य पूरा करके मिट्टी की जांच के बाद किसानों को स्वास्थ्य कार्ड प्राथमिकता के आधार पर वितरित कर दिया जाएगा।

डा. धर्मेंद्र कुमार, अध्यक्ष,  मृदा परीक्षण प्रयोगशाला।

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