समर्थन मूल्य बढ़ने से नहीं बल्कि ब्लाइंडिंग तेलों पर लगाम से बढ़ी हैं सरसों के तेल की कीमतें
कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बाद से कीमतों में कमी के बाद अब पिछले तीन माह में धीरे-धीरे सरसों तेल के दामों में करीब 25 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है इसके पीछे ब्लाइंडिंग तेलों पर लगाम सहित कई अन्य वजहें भी हैं।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बाद से कीमतों में कमी के बाद अब पिछले तीन माह में धीरे-धीरे सरसों तेल के दामों में करीब 25 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे रसोई का बजट भी बिगड़ रहा है। तीन माह पूर्व सरसों का तेल फुटकर में 90-95 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। वर्तमान में 115-120 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। विश्वेश्वरगंज किराना मंडी के थोक तेल व्यवसायी दिलीप जायसवाल ने बताया कि मंडी में 115-120 रुपये लीटर तेल का भाव है। फुटकर दुकानदार एमआरपी पर बिक्री करते हैं। हालांकि इधर एक माह से स्टैंडर्ड तेल के दामों में कुछ इजाफा हुआ है। जिसके पीछे ब्लाइंडिंग तेलों पर लगाम सहित कई अन्य वजहें भी हैं।
ब्लाइंडिंग तेलों पर लगा लगाम
थोक व्यवसायी दिलीप जायसवाल ने बताया कि अभी तक कुछ कंपनियां ब्लाइंडिंग तेल को सरसों तेल के नाम पर पैकिंग कराकर बाजार में बेचती थी। पिछले माह कानपुर में कुछ स्थानों पर छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ। दरअसल तेल निर्माता कंपनियों को सरकार ने दो तरह का लाइसेंस दिया था। एक जिसमें 60 फीसद राइस ब्रान और 40 फीसद सरसों तेल के लिए दूसरा 40 फीसद राइस ब्रान और 60 फीसद सरसों तेल का। नियमों के मुताबिक इन तेलों को ब्लाइंडिंग तेल के नाम पर बेचने का आदेश था, लेकिन कंपनियां इन तेलों को सरसों का तेल बताकर बाजार में बेचती थीं। छापेमारी के बाद ऐसे कंपनियों का लाइसेंस का रद कर दिया गया। ऐसे में शेष कंपनियों ने भी स्वयं से अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। इस कारण अब बाजार में केवल सरसों का वह तेल ही आ रहा है। जो ब्लाइंडिंग तेल के मुकाबले महंगा है।
सरकार ने बढ़ाया सरसों का समर्थन मूल्य
थोक व्यवसायी दिलीप ने बताया कि सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया है। इससे किसानों को तो लाभ हुआ है। लेकिन समर्थन मूल्य बढऩे से आम जनमानस की रसोई का बजट बिगड़ रहा है।
रिफांइड तेल के दामों में छह रुपये की वृद्धि
व्यवसायी दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस समय बाजार में पाम आयल और सोयाबिन रिफाइंड आयल के दामों में लगभग छह रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। उन्होंने उम्मीद जताया कि आने वाले दो-तीन माह में सरसों और रिफाइंड तेल के दाम अभी और बढ़ेंगे। जनवरी में सरसों की नई फसल आने के बाद ही तेल के दाम उतरने की उम्मीद है।