सरकारी कंपनी ने देर से भरा जीएसटीआर-1 तो वाराणसी के व्यापारी परेशान, जटिलता से आइटीसी लेना मुश्किल

आइटीसी लेने के लिए यह आवश्यक है कि व्यापारी के पास टैक्स इनवाइस उसके सप्लायर द्वारा जारी किया गया हो तथा व्यापारी के द्वारा उस बिल का भुगतान कर दिया गया हो। व्यापारी महीने में वहीं आइटीसी ले पाएगा जो उसके 2बी में महीने की 11 तारीख को दिखाई दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:22 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:22 PM (IST)
सरकारी कंपनी ने देर से भरा जीएसटीआर-1 तो वाराणसी के व्यापारी परेशान, जटिलता से आइटीसी लेना मुश्किल
सरकारी कंपनी ने देर से भरा जीएसटीआर-1 तो वाराणसी के व्यापारी परेशान

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जीएसटी लागू होने के समय की सबसे बड़ी विशेषता आइटीसी के नियमों व सुविधा के चलते कर पर कर नहीं लगेगा तथा इसे लेने में कोई जटिलता नहीं होगी के वादे में आए परिवर्तन के चलते व्यापारियों द्वारा आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) न ले पाने के कारण उनकी कार्यशील पूंजी फंस रही हैं तथा उनके व्यापार की लागत भी बढ़ रही है।

कैसे उभरने होने लगीं समस्याएं

दरअसल, आइटीसी लेने के लिए यह आवश्यक है कि व्यापारी के पास टैक्स इनवाइस, उसके सप्लायर द्वारा जारी किया गया हो तथा व्यापारी के द्वारा उस बिल का भुगतान कर दिया गया हो। लेकिन अब व्यापारी महीने में वहीं आइटीसी ले पाएगा जो उसके 2बी में महीने की 11 तारीख को दिखाई दिया है। टूबी में आइटीसी तभी दिखाई पड़ता है जबकि उसके सप्लायर ने अपना जीएसटीआर-1 रिटर्न भर दिया हो। यदि सप्लायर ने अपना जीएसटीआर-1 रिटर्न 11 तारीख नहीं भरा है तो वह 2बी में नहीं दिखाई देगा। यदि सप्लायर अपना जीएसटीआर-1 11 तारीख के बाद भरता है तो इसकी आइटीसी उस महीने में नहीं मिलेगी।

सीबीआइसी अध्यक्ष से भी की साझा

शनिवार को सीबीआइसी अध्यक्ष एम अजित कुमार के समक्ष भी उद्योगपतियों ने इस अतर्कसंगत नियम के विरुद्ध अपना पक्ष रखा, जिस पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने से व्यापारी उलझन में हैं। यह समझ से परे है कि जब टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि 20 तारीख है तो आइटीसी के लिए 11 तारीख का प्रतिबंध क्याें है। दूसरे, व्यापारी अपने सप्लायर के रिटर्न पर नियंत्रण कैसे रखेगा, यह भी समझ से परे है।

20 तारीख के रिटर्न में हो समायोजन

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी बताते हैं कि जीएसटी में हर महीने 3बी दाखिल करने एवं देय जीएसटी जमा करने की 20 तारीख तय है। इससे महीने की 11 तारीख तक 2बी में जितना आइटीसी है व्यापारी उतना ही आइटीसी ले सकता है। उदाहरण देत हुए बताते हैं कि इंडियन आयल कारपोरेशन ने इसी महीने 13 तारीख को अपना रिटर्न भरा जिसके कारण कंपनी से व्यापार करने वाले लोगों को आइटीसी का लाभ नहीं मिल पाया। अब यह लाभ अगले महीने टैक्स में 40 दिन बाद मिलेगा। जबकि होना चाहिए कि महीने की 19 तारीख तक जो आइटीसी 2बी में दिखाई दे उसे 20 तारीख के रिटर्न में समायोजित करने का प्रविधान होना चाहिए।

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