धरती के भगवान लापता अब ऊपर वाले की है आस, वाराणसी के मंडलीय अस्पताल की कहानी मरीजों की जुबानी

पूर्वांचल के एम्स की ख्याति रखने वाले वाराणसी के कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल की दशा संक्रमण काल में काफी खराब है। यहां चार- चार दिनों से भर्ती मरीजों का कोई कुशलक्षेम लेने वाला भी नहीं मिला। स्वास्थ्य कर्मचारी और पैरामेडिकल स्टाफ भी तीमारदारों से दूरी बना रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:42 PM (IST)
धरती के भगवान लापता अब ऊपर वाले की है आस, वाराणसी के मंडलीय अस्पताल की कहानी मरीजों की जुबानी
पूर्वांचल के एम्स की ख्याति रखने वाले कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल की दशा संक्रमण काल में काफी खराब है।

वाराणसी, जेएनएन। शासन और प्रशासन की सख्ती के बावजूद सरकारी अस्पतालों की दशा बड़ी ही चिंताजनक बनी हुई है। यहां चार- चार दिनों से भर्ती मरीजों का कोई खैरकदम करने वाला नहीं है। धरती के भगवान का दर्जा रखने वाले चिकित्सक अब खुद अपनी जान बचाने में लगे हुए हैं। अब मरीज और तीमारदार ऊपर वाले से हो मदद की आस लगाए हुए हैं।

हाल- ए- मंडलीय अस्पताल

पूर्वांचल के एम्स की ख्याति रखने वाले कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल की दशा संक्रमण काल में काफी खराब है। यहां चार- चार दिनों से भर्ती मरीजों का कोई कुशलक्षेम लेने वाला भी नहीं मिला। स्वास्थ्य कर्मचारी और पैरामेडिकल स्टाफ भी तीमारदारों से दूरी बना रहे हैं। यहां उपचार की व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गई है। वार्ड नम्बर चार में भर्ती शाहीन बेगम, धिराजी देवी, सावित्री तीन दिनों से भर्ती हैं। जिनका अब तक फ़ीडबैक नहीं लिया गया।

वेंटिलेटर पर व्यवस्था

मंडलीय अस्पताल के अधिकांश चिकित्सक और उनका परिवार संक्रमित हो चुके हैं। लिहाजा बचे हुए चिकित्सक और स्टाफ वार्ड में जाने से परहेज करने लगे हैं। अचानक अस्पताल के 17 चिकित्सकों के संक्रमित हो जाने के कारण अस्पताल की व्यवस्था खुद वेंटिलेटर पर जाती दिख रही है। अस्पताल में इमरजेंसी केस आने पर उनकी भर्ती तो ली जा रही है, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं होता। आलम यह है कि अस्पताल में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों से ज़्यादा मरीजों की तादाद है। एक दिन पहले जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने यहां व्यवस्थाओ का जायजा लिया था।

अब तक 17 चिकित्सक संक्रमित हो चुके हैं

अब तक 17 चिकित्सक संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए यह अव्यवस्था उत्पन्न हुई। मैं और मेरा परिवार भी होम क्वारन्टीन पीरियड में है।

- डॉ ओपी तिवारी, कार्यवाहक प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक मंडलीय अस्पताल।

सीएमओ अस्पताल संचालकों को तामिल कराएं अधिग्रहीत की नोटिस

अधिक किराया वसूलने वाले चालकों के खिलाफ दर्ज कराएं मुकदमा जागरण संवाददाता, वाराणसी : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने पर जिलाधिकारी ने सरकारी के साथ निजी चिकित्सालयों को सहयोग करने काे कहा है। सहयोग नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी। मरीजों को ढोने के नाम पर एंबुलेंस चालकों व संचालकों की मनमानी और अधिक किराया वसूलने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। मरीजों की सुविधा के लिए निजी अस्पताल संचालकों के एंबुलेंस को अधिग्रहीत करने का निर्देश देेते हुए स्वास्थ्य विभाग को नोटिस तामिल कराने का निर्देश दिया है। जरूरत पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने वाले निजी अस्पातल संचालकों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें। तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने के साथ लोग उसकी चपेट में आने लगे।

एंबुलेंस चालक और संचालक मरीजों को घर से अस्पताल, अस्पताल से घर पहुंंचाने का मनमाना किराया वसूलने लगे हैं। यदि उन्हें यह मालूम चल गया कि पीड़ित कोरोना संक्रमित है तो फिर क्या। वे पीड़ित परिवार से मनमाना किराया मांग रहे हैं। बीएचयू से हरिश्चंद्र घाट तक शव पहुंचाने के नाम तीन से पांच हजार रुपये वसूलने का मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। इसी तरह अन्य स्थानों से लाने के लिए एंबुलेंस चालक और संचालक मनमानी किराया वसूल रहे हैं। मरीजों की सुविधा और एंबुलेस चालकों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए जिलाधिकारी ने उनके एंबुलेंस को अधिग्रहीत करने का अादेश जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि अस्पताल संचालकों को अधिग्रहीत की नोटिस तामिल कराने के साथ की गई कार्यवाही से अवगत कराएं।

chat bot
आपका साथी