वाराणसी में बालिकाओं ने कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह के खिलाफ रैली निकाली

वाराणसी में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आशा ट्रस्ट और लोक समिति के तत्वाधान में रविवार को प्रधानमंत्री आदर्श गांव नागेपुर में लड़कियों ने बाल विवाहकन्या भ्रूण हत्या तथा लिंग भेद के खिलाफ जन जागरूकता रैली निकाली।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 01:21 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 01:21 PM (IST)
वाराणसी में बालिकाओं ने कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह के खिलाफ रैली निकाली
नागेपुर में लड़कियों ने बाल विवाह,कन्या भ्रूण हत्या, तथा लिंग भेद के खिलाफ जन जागरूकता रैली निकाली।

वाराणसी, जेएनएन। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आशा ट्रस्ट और लोक समिति के तत्वाधान में रविवार  को प्रधानमंत्री आदर्श गांव नागेपुर में लड़कियों ने बाल विवाह,कन्या भ्रूण हत्या, तथा लिंग भेद के खिलाफ जन जागरूकता रैली निकाली। रैली में शामिल गांंव की दर्जनों किशोरी लड़कियों और आशा ज्ञान पुस्तकालय  की बच्चियों ने  भाग लिया।

लड़कियों ने नहींं किसी का हो अपमान लड़का लड़की एक समान, बाबा हमको पढ़ने दो पढ़कर आगे बढ़ने दो, कन्या भ्रूण हत्या बन्द करो, बाल विवाह पर रोक लगाओ, हमको दुनिया में आने दो अपना मान बढ़ाने दो, बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ के नारे लगाकर  बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा की मांंग किया। कार्यक्रम में लड़कियों ने लड़का लड़की असमानता और लैंगिक असमानता यौन उत्पीड़न, दहेज, नशा, बाल विवाह आदि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ  खुलकर अपने विचार रखे।

बेटियों ने प्रधानमंत्री से नागेपुर गांंव में लड़कियों के लिये इण्टर कालेज और स्वास्थ केंद्र खोलने की माँग किया। गाँव की वर्षा पटेल ने कहा कि गाँव में सिर्फ प्राइमरी स्कूल है और उसके आगे की पढाई के लिये 3 किलोमीटर दूर पढ़ने जाना होता है जिसकी वजह से बहुत सारी लड़कियां आगे की पढ़ाई नही कर पाती है, और उनकी कम उम्र में शादी भी कर दिया जाता है। खुशबू ने कहा कि गांंव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और खेलकूद का मैदान भी नही है।

लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि हमारा समाज लड़कियों और लड़कों में आज भी भेदभाव कर रहा है। जिसके कारण कोख में ही लड़कियों को मार दिया जाता है नतीजन  दिनप्रतिदिन लड़कियों की संख्या घटती जा रही है। उत्तर प्रदेश की आबादी में छह साल की उम्र में एक हजार बच्चों के मुकाबले सिर्फ 902 बच्चियां है। इस आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में हर साल औसतन पौने दो लाख बेटियां गायब हो रही हैं, जो चिंता की बात है। कार्यक्रम का संचालन वर्षा पटेल, अध्यक्षता मधुबाला ने किया। कार्यक्रम में वर्षा, खुशबू, मधुबाला, सोनी, मोनी, चांदनी, सानिया, आकांशा, खुश्बू, सोनी, रिया, निशा, शबाना आदि लोग शामिल रहे।

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