GI Exhibition 2021 : सब पर भारी लकड़ी की कलाकारी, वाराणसी में काष्ठकला के स्टालों पर जुटे खरीदार
वाराणसी बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में लगे जीआइ उत्पादों की प्रदर्शनी में तीसरे दिन सभी कलाओं पर लकड़ी की कलाकारी भारी पड़ी। बच्चों के साथ-साथ बड़े भी बनारस के काष्ठ कला के मुरीद हुए।बनारस वुड कार्विंग के स्टाल पर सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही।
वाराणसी, जेएनएन। बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में लगे जीआइ उत्पादों की प्रदर्शनी में तीसरे दिन सभी कलाओं पर लकड़ी की कलाकारी भारी पड़ी। बच्चों के साथ-साथ बड़े भी बनारस के काष्ठ कला के मुरीद हुए। प्रदर्शनी में कतार से लगी पांच बनारस वुड कार्विंग के स्टाल पर सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही। बात खरीदारी की करें तो पहले दिन 26 हजार, दूसरे दिन 36 हजार तो तीसरे दिन करीब 52 हजार की खरीदारी हुई। महंगे उत्पाद की मोह माया छोड़कर उसकी गुणवत्ता और सुंदरता को देख लोग अभिभूत हो रहे हैैं। मोल-भाव करके तुरंत क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कर रहे हैैं।
लकड़ी के क्षीरसागर और रामनगर का किला बना आकर्षण का केंद्र
लकड़ी के खिलौने में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रामनगर का किला, मां गंगा की मूर्ति और क्षीरसागर है। हालांकि इसकी कीमत आमजन के बजट में नहीं है। फिर भी लोग इसे क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खरीद रहे हैैं। स्टाल संचालक ने बताया कि तीन दिन में दो पीस रामनगर का किला बुक हो चुका है। वहीं क्षीरसागर के एक पीस की बुकिंग हो चुकी है। प्रदर्शनी के समापन के बाद ग्राहकों के घर इसे पहुंचाया जाएगा।
लट्टू, पेंसिल, की-रिंग और सस्ते खिलौने की खूब हो रही बिक्री
प्रदर्शनी में काष्ठ कला के सस्ते उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है। जिसमें बच्चे तरह-तरह के रंग-बिरंगे पेंसिल खूब खरीद रहे हैैं। इसकी कीमत दस रुपये है। वहीं खिलौने में लट्टू, की-ङ्क्षरग, हाथी-घोड़ा, स्लाइडिंग खिलौने, हैैंगिंग होल्डर, ड्रम मैन, म्यूजिक मैन खूब पसंद किए जा रहे हैैं।
जूट के सजावटी सामानों व हैैंड बैग को प्राथमिकता दे रही महिलाएं
प्रदर्शनी में आईं महिलाएं सस्ते जूट के सजावटी वाल हैैंगिंग के साथ-साथ हैैंड बैग, पर्स को लेदर के उत्पाद के मुकाबले जूट के उत्पादों को प्राथमिकता दे रही हैैं। कारण कि जूट का सामान सस्ता है। जबकि लेदर का उत्पाद महंगा है। गाजीपुर से आए स्टाल संचालक सत्यनारायण और शकील अहमद ने बताया कि ग्राहकों की मांग पर हमने और माल मंगाया है।