GI Exhibition 2021 : जीआइ उत्पाद विश्वास और स्वाभिमान की पहचान, वाराणसी में बोले राज्यमंत्री उदयभान सिंह

जीआइ टैग किसी भी क्षेत्र के लिए विश्वास और स्वाभिमान की पहचान है। जीआइ उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन करके अनुभूति हुई कि आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है। यह कहना है यूपी सरकार में लघु उद्योग खादी वस्त्र उद्योग रेशम उद्योग निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री उदयभान सिंह का।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 07:17 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 07:17 PM (IST)
GI Exhibition 2021 : जीआइ उत्पाद विश्वास और स्वाभिमान की पहचान, वाराणसी में बोले राज्यमंत्री उदयभान सिंह
वाराणसी, दीनदयाल हस्तकला संकुल में जीआइ उत्पादों की प्रदर्शनी में पहुंचे राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह।

वाराणसी, जेएनएन। GI Exhibition 2021 जीआइ टैग किसी भी क्षेत्र के लिए विश्वास और स्वाभिमान की पहचान है। जीआइ उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन करके अनुभूति हुई कि आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार में लघु उद्योग, खादी, वस्त्र उद्योग, रेशम उद्योग, निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह का, जो बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में यूपी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, उत्तर प्रदेश सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जीआइ उत्पादों की प्रदर्शनी में पहुंचे थे।  प्रदर्शनी में तीसरे दिन भी लोगों का हुजूम उमड़ता रहा।

उत्तर प्रदेश सरकार में लघु उद्योग, खादी, वस्त्र उद्योग, रेशम उद्योग, निर्यात प्रोत्सान राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत के 300 तथा ओडीओपी प्रशिक्षण के 300 लाभार्थियों को हैण्डलूम टूलकिट प्रदान किए।। उन्होंने प्रदर्शनी को देखकर कहा, "प्रदर्शनी की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर स्टाल पर पहुंच कर लगा कि हर उत्पाद ले लूं। इस कार्यक्रम को देखकर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। आत्मनिर्भर भारत का सपना जो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने औरमुख्यमंत्री  योगी अदित्यनाथ  ने देखा था, यह प्रदर्शनी उस आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करती नजर आ रही है। भारत की पहचान जब जन्म नहीं कर्म के आधार पर जाना जाता था तब 'सोने की चिड़िया' था। तब सभी अपनी आवश्यकता अपने ही घरों में पूरा कर लेते थे। वाराणसी के लोग भाग्यशाली हैं जिनको ऐसे सांसद मिले हैं, जिनकी विचारों का लोहा आज पूरा विश्व मानता है। तीसरे दिन जीआइ प्रोडक्ट्स के हस्तशिल्पियों और उयपादकों के लिए आयोजित ट्रेनिंग सेशन में "पैकेजिंग का महत्व और पैकेजिंग में प्रौद्योगिकी के नए तरीके" तथा "डिजाइन विकास और उन्नयन की आवश्यकता, उपभोक्ता मांग के अनुसार डिजाइन सुधार की आवश्यकता व हस्तकला क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन" विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं तथा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए असिस्टेंट कमिश्नर (हैंडलूम एंड टेक्सटाइल) नितेश धवन ने जीआइउत्पादों की जीवनशैली में बदलाव के साथ पैकेजिंग में आने वाले बदलाव के महत्व को बताया।

डॉ बाबूराव गुडुरी, ज्वाइंट डायरेक्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग ने पैकेजिंग के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा, "बिना पैकेजिंग के न तो उत्पाद बेचा जा सकता है न निर्यात किया जा सकता है, ताकि उत्पाद आप के गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच सके।" डॉ बाबूराव ने बताया कि पैकेजिंग विज्ञान, कला और प्रौद्योगिकी का मेल है, जो वितरण, भंडारण, बिक्री और उपयोग के लिए उत्पादों को संरक्षित करता है। पैकेजिंग को देखने मात्र से ही उपभोक्ता समझ जाता है कि उत्पाद क्या है और किस उपयोग में लाया जाएगा। पैकेजिंग उत्पादकों के लिए एक साइलेंट सेल्समैन की तरह काम करता है और ग्राहक को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

श्रीमती सुनीता कुमारी अस्सिटेंट प्रोफेसर निफ्ट ने अपने व्यख्यान में डिज़ाइन और हस्तकला के क्षेत्र में उन्नयन की आवश्यकता को समझाया। समय और उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से डिज़ाइन में बदलाव न आने से हस्तशिल्पियों को मिलने वाले लाभ में गिरावट आती है, जिससे इस क्षेत्र के कारीगरों और बुनकरों का पलायन शुरू हो जाता जो एक गंभीर समस्या है। यह पलायन कभी-कभी किसी न किसी पारंपरिक कला ले विलुप्त होने का कारण बन जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि कारीगरों और बुनकरों के हित में एक व्यापक कार्यक्रम बनाया जाए ताकि उन्हें सामयिक प्रशिक्षण दिया जा सके, यह हमारी पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को बचाने का समय है। इससे पहले ज्वाइंट कमिश्नर इंडस्ट्रीज श्री उमेश सिंह ने राज्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए प्रदर्शित उत्पादों के विषय मे जानकारी दी और जीआई टैग मिलने के बाद से हस्तशिल्पियों के व्यवसाय में आए सकारात्मक बदलाव के विषय मे बताया। उन्होंने बताया कि जीआई प्रोडक्ट एक्सपो में सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल भी प्रदर्शित किया गया है। इसकी डिमांड इतनी अधिक है कि वाराणसी के एक पांच सितारा होटल 200 किलोग्राम काला नमक चावल का आर्डर दिया है। डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज वीरेंद्र कुमार ने राज्यमंत्री की उपस्थिति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉउंसिल के डिप्टी कमिश्नर उमेश चंद्रा सहित इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट और फिक्की के पदाधिकारियों सहित शहर के कई सम्मानित जन-प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। फिक्की के यूपी स्टेट कॉउंसिल के हेड अमित गुप्ता ने कहा कि फिक्की सिर्फ उद्योगों के लिए ही नही बल्कि पारम्परिक हस्तकला और उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए ऐसे वृहद कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है।  स्थानीय उत्पादों और उत्पादकों को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रमों का एक हिस्सा है। इससे पहले फिक्की 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' की वर्चुअल एग्जीबिशन का भी आयोजन कर चुका है, जो काफी सफल रहा।

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