Ghazipur Panchayat Election 2021 : यहां आरक्षित गांव में अनुसूचित जाति का महज एक परिवार

गाजीपुर के मरदह ब्लाक का अनुसूचित जाति का मात्र एक परिवार वाला गांव सरवनडीह इस जाति के लिए आरक्षित है। ऐसे में यहां के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। संबंधित अधिकारियों को पत्र देकर ग्रामीणों ने आरक्षण बदलने की गुहार लगाई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:38 AM (IST)
Ghazipur Panchayat Election 2021 : यहां आरक्षित गांव में अनुसूचित जाति का महज एक परिवार
अनुसूचित जाति का मात्र एक परिवार वाला गांव सरवनडीह इस जाति के लिए आरक्षित है।

गाजीपुर, जेएनएन। मरदह ब्लाक का अनुसूचित जाति का मात्र एक परिवार वाला गांव सरवनडीह इस जाति के लिए आरक्षित है। ऐसे में यहां के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। संबंधित अधिकारियों को पत्र देकर ग्रामीणों ने आरक्षण बदलने की गुहार लगाई है।

गांव में अनुसूचित जाति के कुल सात मतदाता हैं जो एक ही परिवार के हैं। बावजूद इसके ग्राम प्रधान पद को अनुसूचित जाति महिला के लिए रिजर्व कर दिया गया है। गांव में कुल मतदाताओं की संख्या 1251 है। आरोप है कि फर्जी ढंग से अभिलेखों में गांव में अनुसूचित जाति की कुल जनसंख्या 286 दर्ज कर दी गई है, जबकि अनुसूचित जाति के परिवार की जनसंख्या मात्र 13 है। यह आरक्षण शासनादेश एवं मानक के अनुकूल नही है। आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रधान पद का आरक्षण न बदलने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

जिसके लिए सीट आरक्षित, वार्ड में वह जाति ही नहीं

पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण में सूची प्रकाशन के बाद तमाम गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। बतौर बानगी मरदह ब्लाक के गाई गांव के बीडीसी वार्ड नंबर 3 को को लिया जा सकता है। इसे अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दिया गया है,  जबकि इस वार्ड में इस जाति के मतदाता हैं ही नहीं। वार्ड निवासी रामदरश यादव ने खंड विकास अधिकारी मरदह को पत्र देकर रिजर्व बीडीसी सीट की आरक्षण श्रेणी बदलने की मांग की है। खंड विकास अधिकारी मरदह शिरीष वर्मा से इस बाबत बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। आपत्ति प्राप्त हुई है। इस वार्ड का आरक्षण नियमों के अनुसार सही है। दूसरे वार्ड के मतदाता इस वार्ड में चुनाव लड़ सकते हैं।

मरदह ब्लाक में पूर्व के चुनाव में भी हुआ था ऐसा

पूर्व के पंचायत चुनाव में नवसृजित ग्राम पंचायत पलहीपुर में बीडीसी का पद अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दी गई थी, जबकि इसमें अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या शून्य थी। इस वार्ड के लोगों के विरोध के बाद भी आरक्षण परिवर्तन नहीं हुआ। ऐसे में इस सीट पर किसी ने पर्चा ही दाखिल नहीं किया था। इससे पद रिक्त रह गया था। बाद में उपचुनाव में दूसरे वार्ड के लोगों द्वारा पर्चा भर कर चुनाव लड़ा गया।

पंचायतों में आरक्षण की सूची जारी, चुनावी सरगर्मियां बढ़ीं

जमानियां ब्लाक का सबसे बड़ा ग्राम पंचायत पचोखर फिर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हो गया, जबकि फुली भी इसी श्रेणी में है। पिछली बार यह गांव महिला के लिए आरक्षित हुआ था। बेटाबर अनारक्षित हो गया। यह गांव पहले पिछड़ा वर्ग के लिए था। वहीं खिदिरपुर भी अनारक्षित हो गया। पहले यह गांव अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। गरुवा मकसूदपुर गांव इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया। बरुईन इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया, इससे पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था।

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