गाजीपुर अफीम कारखाना महाप्रबंधक ने नीमच में फेल अफीम को गाजीपुर में कर दिया था पास

गाजीपुर व मध्य प्रदेश के नीमच में स्थित अफीम कारखाने का कार्यभार मिलने के बाद डा. शशांक यादव को रिश्वत की लत लग गई थी। नीमच का उसे अतिरिक्त कार्यभार मिलने के कुछ दिन बाद ही राजस्थान से आए अफीम के 150 सैंपल को फेल कर दिया गया था।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:03 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:03 AM (IST)
गाजीपुर अफीम कारखाना महाप्रबंधक ने नीमच में फेल अफीम को गाजीपुर में कर दिया था पास
अफीम कारखाने का कार्यभार मिलने के बाद डा. शशांक यादव को रिश्वत की लत लग गई थी।

गाजीपुर [अविनाश सिंह]। देश के दोनों गाजीपुर व मध्य प्रदेश के नीमच में स्थित अफीम कारखाने का कार्यभार मिलने के बाद डा. शशांक यादव को रिश्वत की लत लग गई थी। नीमच का उसे अतिरिक्त कार्यभार मिलने के कुछ दिन बाद ही राजस्थान से आए अफीम के 150 सैंपल को फेल कर दिया गया था और री-सैंपलिंग के लिए गाजीपुर भेजा गया, और यहां 80 फीसद से अधिक अफीम पास हाे गए। सबसे मजे की बात तो यह है? कि ऐसा पहली बार हुआ, जब नीमच के फेल सैंपल को गाजीपुर री-सैंपलिंग के लिए भेजा गया हो। ऐसे में आप सहज की अंदाजा लगा सकते हैं पास-फेल के बीच का खेल क्या है?

डा. शशांक को नवम्बर 2020 में अफीम फैक्ट्री का महाप्रबंधक बनाया गया और इसके कुछ माह बाद नीमच का अतिरिक्त प्रभार मिलते ही उसकी कार्यशैली बदल गई। नीमच जांच को पहुंची राजस्थान की एसीबी को पता चला कि डा. शशांक ने कार्यभार संभालने के बाद कई दागी अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप दी, जिनके ऊपर पहले से भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके थे। करीब पांच माह पूर्व राजस्थान की अफीम नीमच पहुंची थी। फैक्ट्री में जांच के दौरान के 150 सैंपल फेल हो गए थे, जिनकी दोबारा जांच के लिए गाजीपुर अफीम फैक्ट्री भेजा गया था। किसानों ने शिकायत भी किया था कि जान-बूझकर उनके सैंपल को निगेटिव करार दे दिया गया है। अफीम कारखाने के अधिकारियों की मानें तो ऐसा पहली बार हुआ था। गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के अधिकारियों के अनुसार जब यहां फेल अफीम की री-सैंपलिंग हुई तो करीब 80 फीसद से अधिक सैंपल पास हो गए थे।

राजस्थान एसीबी ने निलंबन को लिखा पत्र : राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत की रकम 16.32 लाख रुपये के साथ पकड़े गए अफीम फैक्ट्री के जीएम डा. शशांक यादव के निलंबन के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। चार दिनों की रिमांड पर लिए गए डा. शशांक यादव से अभी पूछताछ जारी है। साक्ष्य और सबूत के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अफीम फैक्ट्री के प्रबंधक ओमप्रकाश राय ने बताया कि मुझे अभी ऐसा कोई पत्र नहीं प्राप्त हुआ है कि मुझे जीएम का कार्यभार सौंपा गया हो। अभी तक जीएम के निलंबन की कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है, हालांकि 24 घंटे से अधिक किसी अधिकारी के पुलिस गिरफ्त में होने पर निलंबन की कार्रवाई लगभग तय हो जाती है।

बोले प्रबंधक : करीब पांच-छह माह पहले नीमच में आए अफीम के फेल सैंपल को री-सैंपलिंग को गाजीपुर भेजा गया था। यहां जांच में लगभग 80 फीसद अफीम सही पाए गए थे। कुछ किसानों के अफीम के सैंपल फेल हुए थे, जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। - ओमप्रकाश राय, प्रबंधक, अफीम फैक्ट्री-गाजीपुर।

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