विंध्य कारिडोर शिलान्यास के लिए बनेगा जर्मन हैंगर पंडाल, अलौकिक तरीके से सजेगा विंध्यवासिनी मंदिर
एक अगस्त को होने वाले विंध्य कारिडोर के शिलान्यास को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। भूमि-पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम के लिए परिक्रमा पथ पर 40 फीट चौड़ा व 150 लंबा पंडाल बनेगा। यह कोई साधारण पंडाल नहीं होगा बल्कि जर्मन हैंगर तकनीक से छावनी बनाई जा रही है।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। एक अगस्त को होने वाले विंध्य कारिडोर के शिलान्यास को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। भूमि-पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम के लिए परिक्रमा पथ पर 40 फीट चौड़ा व 150 लंबा पंडाल बनेगा। यह कोई साधारण पंडाल नहीं होगा, बल्कि जर्मन हैंगर तकनीक से छावनी बनाई जा रही है। इसमें 50 वीआइपी के बैठने की व्यवस्था होगी। यही नहीं, नगर के महुवरिया स्थित जीआइसी मैदान पर बनने वाला पंडाल भी वाटर प्रूफ होगा। इसके लिए तैयारी का क्रम जारी है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। हर तरफ जालीयुक्त बैरिकेडिंग होगा। गर्मी व बरसात से लोगों को बचाने के लिए जर्मन हैंगर पंडाल बनेगा। यह पूरी तरह से वाटर और फायर प्रूफ रहेगा। इसमें एसी-कूलर लगाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए वाराणसी से टीम बुलाई गई है। सौ मजदूर लगाए गए हैं। मंदिर के दोनों तरफ बन रहे जर्मन हैंगर में एक तरफ भूमि पूजन होगा तो दूसरी तरफ वीआइपी के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठने के लिए सोफा व कुर्सियां भी रहेंगी। जर्मन हैंगर के अंदर कारपेंटिंग यानी लकड़ी से सजावट भी होगी। जहां भूमि पूजन होगा, वहां 30 फीट लंबा व 30 फीट चौड़ा प्लेटफार्म बनेगा। शिलान्यास की तैयारी को लेकर विंध्यवासिनी मंदिर को बेहतर ढंग से सजाया जा रहा है। मंदिर की रंगाई-पुताई के साथ झालर भी लगाई गई है। मंदिर के चारों तरफ समतलीकरण किया जा रहा है। समतलीकरण के बाद उस पर मैट बिछाया जाएगा।
गंगा घाट पर पानी के दस फीट अंदर तक बनेगा सीढ़ी
मंदिर से पक्का घाट तक वाटर प्रूफ पंडाल बनेगा। पक्का घाट पर रेलिंग के साथ लकड़ी के वूडेन सीढ़ी बनेंगे। सीढ़ी छह फीट चौड़ा होगा। यह सीढ़ी गंगा घाट पर पानी के दस फीट अंदर तक बनेगा। अगर गृहमंत्री या मुख्यमंत्री आचमन ग्रहण करना चाहें तो आसानी से कर सकेंगे।