बनारस में सीवरेज गैस से बिजली उत्पादन शुरू, इंटरसेप्टर और लाइटिंग का कार्य पूरा
जायका सीवरेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के तहत गैस से बिजली उत्पादन कर प्रतिदिन 10 घंटे तक संयंत्र को चलाया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रदेश में सीवरेज गैस से विद्युत उत्पादन की पहली परियोजना जिले में शुरू हो गई है। जायका सीवरेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के तहत गैस से बिजली उत्पादन कर प्रतिदिन 10 घंटे तक संयंत्र को चलाया जा रहा है। यह जानकारी कमिश्नर दीपक अग्रवाल व एनएमसीजी के ईडी प्रोजेक्ट जी. अशोक ने आयुक्त सभागार में जायका व गंगा एक्शन प्लान के कार्यो की समीक्षा के दौरान दी। उन्होंने बताया कि जायका के तहत सीवर परियोजना के पहले चरण में इंटरसेप्टर, लाइटिंग आदि कार्य पूरे हो गए हैं।
दूसरे चरण में तीन पंपिंग स्टेशन तैयार हैं। इसमें चौकाघाट में 140 एमएलडी, फुलवरिया में 7.6 एमएलडी व सरैया में 3.7 एमएलडी क्षमता के पंपिंग स्टेशन शामिल हैं। तीसरे चरण का 40 एमएलडी क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट चालू हो गया है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट में निकलने वाली गैस से बिजली उत्पादन कर संयंत्र चलाने की व्यवस्था है। वर्तमान में प्रतिदिन प्लाट इसी गैस से उत्पादित बिजली से चल रहा है। इसमें अतिरिक्त बिजली की बचत हो रही है। इस समय ट्रीटमेंट से निकलने वाले तरल में बीओडी 15 से 20 पीपीएम तथा टीएसएस 25 से 30 है। कमिश्नर ने जताई नाराजगी शाही नाला की धीमी प्रगति पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई। उन्होंने हर हाल में दिसंबर तक कार्य पूर्ण करने की मियाद तय की।
उन्होंने कहा कि यह प्रकरण मुख्यमंत्री की जानकारी में है। अब इसमें किसी तरह की लापरवाही पर संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर पंपिंग स्टेशन 15 अक्टूबर तक पूर्ण करने की समय सीमा तय की गई। बैठक में अन्य पंपिंग स्टेशनों की प्रगति, जीआइएस मैपिंग आदि की भी समीक्षा की गई। कार्यदायी संस्थाओं को हिदायत दी गई कि निर्धारित समय सीमा में हर हाल में कार्य पूर्ण करें। बैठक में विभिन्न प्रोजेक्ट के कार्यदायी अधिकारी व कार्य करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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