काशी विश्वनाथ के द्वार कराएंगे भव्यता का अहसास, चौक गेट से एक साथ दिखेगा बाबा दरबार का शिखर और गंगधार

श्रीकाशी विश्‍वनाथ मंदिर के चारों द्वार परिक्रमा पथ से जुड़ेंगे। इसमें श्रद्धालु बैठ कर जप-तप कर सकेंगे। इनमें चित्रमय व व्याख्यात्मक पैनल लगाए जाएंगे जो काशी-विश्वनाथ-गंगे का दर्शन कराएंगे। गंगा छोर पर बन रहा द्वार गेटवे आफ कारिडोर तो सड़क पर बन रहा गेट किले का अहसास कराएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:28 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 09:57 PM (IST)
काशी विश्वनाथ के द्वार कराएंगे भव्यता का अहसास, चौक गेट से एक साथ दिखेगा बाबा दरबार का शिखर और गंगधार
गंगा छोर पर बन रहा द्वार गेटवे आफ कारिडोर तो सड़क पर बन रहा गेट किले का अहसास कराएगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी विश्वनाथ दरबार से गंगधार तक 50,200 वर्ग मीटर में बनाए जा रहे कारिडोर के चार द्वार बाहर से ही कारिडोर की भव्यता का अहसास कराएंगे। यह जल मार्ग से तो आकॢषत करेगा ही सड़क मार्ग से आने-जाने वालों को ठिठकने के लिए विवश कर देगा। वहीं 3175 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विस्तारित मुख्य परिसर में भी चार गेट बनाए जा रहे हैै।

90 फीट चौड़े और 33 फीट ऊंचे दो मंजिले द्वार भवन

गंगा छोर पर बन रहा द्वार गेटवे आफ कारिडोर तो सड़क पर बन रहा गेट किले का अहसास कराएगा। यह 90 फीट चौड़ा और 33 फीट ऊंचा दो मंजिला द्वार गोदौलिया गेट नाम से जाना जाएगा। दोनों तरफ सुरक्षाकर्मियों के लिए मोर्चा और सुरक्षात्मक इंतजाम होंगे। परिसर में जाने वालों की यहां जांच-परख की जाएगी। निर्माण पर तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे। वाराणसी कई योजनाओं में विकास कार्य चल रहा है। विकास कार्यों को जल्‍द  से जल्‍द पूरा करने का प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से जोर दिया जा रहा है।

चौक गेट से एक साथ दिखेगा बाबा दरबार का शिखर और गंगधार

कारिडोर के सबसे बड़े हिस्से मंदिर चौक से मंदिर में प्रवेश के लिए बनाए जा रह द्वार पूरे क्षेत्र में सबसे ऊंचा है। इस गंगा दर्शन गैलरी भी होगी। इस पर खड़े होकर एक साथ बाबा दरबार के शिखर व गंगधार का एक साथ दर्शन किया जा सकेगा।

मंदिर गेट में चुनार पत्थर, कारिडोर के द्वारों की ढलाई

मंदिर मुख्य परिसर के चारो द्वारों को चुनार के पत्थरों से आकार दिया जा रहा तो गंगा द्वार को छोड़ कारिडोर के अन्य द्वारों की ढलाई की जा रही है।

परिक्रमा पथ से जुड़ेंगे मंदिर के द्वार

मंदिर के चारों द्वार परिक्रमा पथ से जुड़ेंगे। इसमें श्रद्धालु बैठ कर जप-तप कर सकेंगे। इनमें चित्रमय व व्याख्यात्मक पैनल लगाए जाएंगे जो काशी-विश्वनाथ-गंगे का दर्शन कराएंगे।

संपूर्ण कारिडोर - 50,200 वर्ग मीटर

खरीदे गए भवन - 319

भूखंड व्यवस्था पर खर्च - 400 करोड़

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