वाराणसी शहर में करने थे कूड़ा घर बंद, खाली प्लाट में होने लगा कचरा डंप
स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों के तहत शहर में कूड़ा घर नहीं होना चाहिए। रास्ते में जो भी कूड़ा कंटेनर व डस्टबिन रखे गए हैं उन्हेंं भी अंडरग्राउंड कर देना होगा। ऐसा ही प्लान तैयार किया गया है। नगर निगम का दावा है कि कूड़ा उठान के बाद ऐसा ही होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों के तहत शहर में कूड़ा घर नहीं होना चाहिए। रास्ते में जो भी कूड़ा कंटेनर व डस्टबिन रखे गए हैं उन्हेंं भी अंडरग्राउंड कर देना होगा। ऐसा ही प्लान तैयार किया गया है। नगर निगम का भी दावा है कि घर-घर कूड़ा उठान के बाद ऐसा ही होगा। कूड़ा घर बंद हो जाएंगे और कंटेनर व डस्टबिन अंडरग्राउंड कर दिए जाएंगे लेकिन अब तक दावे हवा-हवाई ही साबित हुए।
घर-घर कूड़ा उठान की कवायद मानकों की कसौटी पर नहीं होने से योजनाएं अब तक धरातल पर नहीं आ सकी हैं। हालात ऐसे हैं कि खाली प्लाट कचरे से पटे हैं तो गली के नुक्कड़ पर गंदगी पसरी है।
प्लानिंग के तहत घर-घर कूड़ा उठान के बाद सीधे प्रोसेसिंग प्लांट में कचरा भेज दिया जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में यह इंतजाम नगर निगम को कर लेना है। ऐसा नहीं होने पर केंद्रांश व राज्यांश के अनुदान से संबंधित नगर निकाय वंचित रह जाएगा। वर्तमान में नगर निगम सीमा में करीब 43 कूड़ा घर हैं। इसके अलावा खाली प्लाटों में भी कूड़ा फेंका जाता है। योजना के तहत पूरे शहर में घर-घर कूड़ा उठान होगा तो कहीं भी कचरा फेंका नजर नहीं आएगा। यदि कोई ऐसा करेगा तो जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
रोज आते हैं डेढ़ लाख बाहरी
कोरोना संक्रमण काल से इतर सामान्य दिनों में देखा जाए तो अन्य शहरों की अपेक्षा वाराणसी में रोजना करीब डेढ़ लाख लोग अन्य जिले, प्रदेश व विदेश से आते हैं। देव दीपावली, दुर्गा पूजा, गंगा स्नान, महाशिवरात्रि पर्व आदि होने पर यह संख्या एक करोड़ के पास पहुंच जाती है। ऐसे में बाहर से आने वाले सैलानियों की संख्या के कारण स्वच्छता मिशन बड़ी चुनौती बन जाती है। एक दर्जन से अधिक परियोजनाओं का निर्माण, मुकम्मल सीवर लाइनें आदि न होना गंदगी से जंग में बड़ी बाधा है।
ठोस कचरा का स्मार्ट प्रबंधन
नगर में ठोस कचरा का स्मार्ट प्रबंधन हो रहा है। स्मार्ट सिटी योजना से जुड़े कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से कचरा घरों को जोड़ दिया गया है। सड़क किनारे रखे बड़े कंटनेर, सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय सभी सेंटर से जुड़े हैं। नियमित उठान को लेकर नियमित रिपोर्ट बन रही है। नगर निगम मुख्यालय में स्वच्छता वार रूम भी बिना है जहां से प्रबंधन की मुकम्मल निगरानी का दावा किया जा रहा है लेकिन धरातल पर आपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई दे रही है।
ठोस कचरा व प्रबंधन के इंतजाम
-600 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन
-29 स्थाई व 14 अस्थाई कचरा घर
-90 डंपर कचरा रोजाना उठान
-30 डंपर कचरा रोजाना बैकलाग
-1000 मीट्रिक टन कचरा प्रसंस्करण प्लांट करसड़ा
-50 मीट्रिक टन कचरा प्रसंस्करण प्लांट भवनिया पोखरी
कचरा प्रबंधन के संसाधन
-25 डंपर वाहन
-07 जेसीबी
-08 डंपर प्लेसर
-17 ट्रैक्टर
-10 हापर
-30 टाटा एस
-01 वाटर स्प्रींकिलर
-02 रोड स्वीपिंग मशीन
-01 सॅकर मशीन
-06 जेटिंग मशीन