वाराणसी में 60.72 मीटर पर पहुंचकर स्थिर हुईं गंगा, अभी तक 1.33 मीटर बढ़ चुका है जलस्तर
काशी में गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। गंगा-वरुणा किनारे घर बनाकर रह रहे लोगों की धुकधुकी भी बढऩे लगी है। हालांकि 60.72 मीटर पर पहुंचकर जलस्तर स्थिर हो गया है।
वाराणसी, जेएनएन। काशी में गंगा का जलस्तर अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इसके कारण गंगा एवं वरुणा किनारे अवैध रूप से घर बनाकर रह रहे लोगों की धुकधुकी भी बढऩे लगी है। कारण कि पिछले साल बाढ़ ने खूब तबाही मचाई थी। हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरे ठिकानों में शरण लेनी पड़ी थी। ऐसे में रविवार की सुबह जब गंगा बढ़ रही थीं तो लोग परेशान होने लगे थे। हालांकि 60.72 मीटर पर पहुंचकर शाम को पांच बजे गंगा स्थिर हो गई थीं।
जून में ही गंगा 60 मीटर के ऊपर बहने लगी
जून की शुरूआत से ही केंद्रीय जल आयोग की ओर से जलस्तर मापने का कार्य शुरू हो गया। पांच जून को गंगा का जलस्तर 59.39 मीटर था। वहीं करीब 15 जून को यहां पर मानसून आ गया। इसके बाद से ही गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे बढऩे लगा। जून में ही गंगा 60 मीटर के ऊपर बहने लगी हैं। अब जो हालात बन रहे हैं इससे तो यही लग रहा है कि जलस्तर जल्द ही 61 मीटर तक पहुंच जाएगा। कारण कि अभी से ही घाटों की सीढिय़ां डुबनी शुरू हो गईं हैं। जहां आरती होती है वहां तक पानी का स्तर पहुंचने लगा है। वहीं दूसरी तरफ वरुणा नदी में पानी का स्तर बढ़ने लगा है।
अभी आठ तक बारिश के आसार
कई दिनों के बाद रविवार को दिन में बारिश नहीं हुई। साथ ही धूप भी तेज थी। इसके कारण उमस भरी गर्मी फिर से बढ़ गई। वैसे वातावरण में जो हलचल हो रही है इससे पूर्वांचल में अभी बारिश के हालात बने हुए हैं। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर मानसून की द्रोणिका बनी हुई है। साथ ही हवा में नमी भी है। इसके कारण आठ जुलाई तक कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।