Wedding Season 2020 : गंगा घाट का लौट रहा ठाट, वेडिंग शूट के लिए काशी का 'स्वर्ग'
Ganga Ghat of varanasi is ideal destination for wedding shoot प्री और पोस्ट वेडिंग शूट के लिए जोड़ों की अच्छी खासी तादात घाट के इस और उस पार आजकल खूब नजर आ रहे हैं। गंगा घाट पर पूजन की परंपरा का निर्वहन भी खूब हो रहा है।
वाराणसी [भैरव जायसवाल]। लंबे कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन के हालात बेहतर होने के बाद इन दिनों काशी में गंगा घाटों की रौनक देखते ही बन रही है। प्री और पोस्ट वेडिंग शूट के लिए जोड़ों की अच्छी खासी तादात घाट के इस और उस पार आजकल खूब नजर आ रहे हैं। इस सहालग के सीजन में कुल तीन वैवाहिक तिथियों के बाद नव विवाहित जोड़े गंगा मैया के आशीर्वाद के साथ ही घाट के ठाट देखने और मौज मस्ती के लिए भी खूब उमड़ने लगे हैं।
इस वर्ष शादियों का सीजन शुरू होने के बाद कोरोना संक्रमण के खतरों ने जहां एक और विदाई ले ली है वहीं अब शादी के बाद के आयोजनों की कड़ियों में घाटों को घरों से लेकर मनौती पूरा करने का मान लिए लोग घाटों पर पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। अनलॉक के बाद नवम्बर से अब तक तीन विवाह तिथियों के बाद बनारस में गंगा घाट पर पूजन की परंपरा का निर्वहन भी खूब हो रहा है। अब जिन लोगों का विवाह कार्तिक पूर्णिमा तक हुआ है वह अपनी मान्यता पूरी होने के बाद बनारस में गंगा के घाटों पर आकर मां गंगा कुछ चुनरी और जल अर्पित कर मनौती पूरी कर रहे हैं। मनौती पूरी करने की परंपरा के बाद लोग जोड़ों में नदी के उस पार रेती पर जाकर अपनी खुशियां भी साझा कर रहे है। यह तस्वीर बुधवार को नजर आई जब नवविवाहित एक शादीशुदा जोड़े ने नदी के उस पार गंगा की रेती में ऊंट पर सवारी की। नवविवाहित जोड़ा जब ऊंट पर सवार हुआ तो दोनों की खुशियां बरबस ही छलक पड़ी तो वही ऊंट की सवारी कर दोनों ही आह्लादित और मुदित भाव से नजर आए।
घाट के कारोबार को संजीवनी
ऊंट की सवारी कराने वाले मानते हैं कि अब लगता ही नहीं है कि कोरोना के खतरे अब आगे बढ़ने वाले हैं। लोगों का उत्साह और खुशियां इस कदर धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं के प्रति लौटने लगे हैं कि अब कोरोना से चिंता-भय सब खत्म होने के कगार पर आ गया है। घाट पर मान्यताओं को पूरा करने आने वालों के भाव देखकर लगता है मानो कोरोना अब सिर उठा नहीं पाएगा।
अंत भला तो सब भला
वर्ष 2020 कई मायनों में चुनौतीपूर्ण रहा तो अब वर्ष की समाप्ति के साथ कोरोना को लेकर चिंता और भय से लोग मुक्त होकर अब वापस खुशियों की ओर लौटने लगे हैं। यह नजारे देखने हों तो काशी के गंगा तट पर लोगों का ध्यान बरबस खिंच जाता है। इन दिनों आम तौर पर यह नजारे दिखाई देते हैं। गंगा घाटों पर दर्शन पूजन करने आने वालों के अतिरिक्त नवविवाहित जोड़ों की भी अच्छी खासी संख्या इन दिनों देखी जा रही है। घाट पर नवविवाहित जोड़े अब परंपराओं के निर्वहन के साथ ही मां गंगा की गोद में सैर सपाटे और खुशियों की अनुभूति के पल तलाशी ले रहे हैं। इससे गंगा तट पर ऊंट की सवारी कराने वाले कारोबारी भी अब खुद और ऊंट के चारे का प्रबंध कर पाने में लंबे समय बाद सक्षम हुए हैं। वहीं अन्य कारोबारी भी घाट की रौनक वापसी होने के साथ ही अब मान रहे हैं कि उनका जीवन सामान्य हो चला है। वहीं घाट किनारे जीवन यापन करने वाले मान रहे हैं कि कोरोना का साया खत्म होने के साथ ही गंगा घाटों की वह रौनक दोबारा लौटने की उम्मीद जगी है। फोटोशूट करने वाले कारोबारी कहते हैं कि - 'साल का अंत भला तो सब भला'।