वाराणसी में गंगा के बढ़े जलस्‍तर में डूबा गंगा आरती स्थल, गंगा घाटों का आपसी संपर्क फ‍िर टूटा

Flood in Ganga दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली दैनिक गंगा आरती का स्थल भी डूब गया। इस कारण घाट के ऊपरी हिस्से में आरती हुई। अचानक पानी बढऩे से स्थानीय लोगों को एकबार फिर मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 01:57 PM (IST)
वाराणसी में गंगा के बढ़े जलस्‍तर में डूबा गंगा आरती स्थल, गंगा घाटों का आपसी संपर्क फ‍िर टूटा
पहाड़ों पर बारिश के बाद कानपुर बैराज से पानी छोडऩे का असर, बढ़ रहा जल स्तर।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पहाडों पर बीते सप्‍ताह कुछ‍ दिनों तक लगातार रह रहकर हुई बरसात के बाद अब उसका असर मैदानी इलाकों में नजर आने लगा है। माना जा रहा है कि दो चार दिनों तक पानी में बढ़ाव के बाद जलस्‍तर कम होने लगेगा। लेकिन, तब तक गंगा में उफान का दौर दोबारा असर बनाए रहेगा। 

जल आयोग के अनुसार कानपुर बैराज से छोड़ा गया पानी का असर अब बनारस में होने लगा है। गंगा के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है। इससे किनारे रहने वालों में खलबली मच गई है। वाराणसी में गंगा के घाटों का एक दूसरे से कई जगहों पर संपर्क भी टूट गया है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली दैनिक गंगा आरती का स्थल भी डूब गया। इस कारण घाट के ऊपरी हिस्से में मंगलवार को आरती हुई। अचानक पानी बढऩे से स्थानीय लोगों को एकबार फिर मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।

सुबह से दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जल स्तर बढ़ रहा था। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र का कहना है कि ऐसे ही गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आगामी दिनों में कई त्यौहार हैं जो घाट पर ही आयोजित होते हैं। जैसे, डाला छठ, देव दीपावली आदि प्रमुख हैं। आम जनमानस के साथ ही आयोजकों को भी बढ़ी दिक्कत का सामना करना पढ़ सकता है। फिलहाल, गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी जारी है। हालांकि, कभी एक सेंटीमीटर तो कभी दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार की सुबह आठ बजे तक 63.58 मीटर मापा गया जबकि रात 10 बजे गंगा का जल स्तर 63.76 मीटर था।

वहीं, सोमवार की शाम पांच से छह बजे तक गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी की रफ्तार एक सेंटीमीटर थी तो शाम छह से सात बजे तक जल स्तर में बढ़ोत्तरी की रफ्तार दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा हो गई थी। सोमवार को जल स्तर सुबह 8 बजे 63.16 मीटर था। वहीं मंगलवार को भी मामूली बढ़ाव रहा तो बुधवार को गंगा का जलस्‍तर स्थिर होने लगा है। गंगा में जल स्तर बढऩे पर पलट प्रवाह होने से सर्वाधिक प्रभावित इलाका गंगा की सहायक नदी वरुणा के किनारे रहता है। पुराना पुल, सरैंया, पुलकोहना, शैलपुत्री, लक्खीघाट, ढेलवरिया, चौकाघाट, हुकुलगंज, वरुणा पुल आदि इलाके में पानी भर जाता है। इससे वरुणा नदी से जुड़े नाले भी उफान पर होते हैं।

वाराणसी में गंगा का जल स्तर

-चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर

-खतरा का निशान 71.262 मीटर

-बाढ़ का उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर

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