वाराणसी से गजानन मिट्ठू पहुंचा दुधवा नेशनल पार्क, बीस माह बाद बेड़ियों से मिली आजादी

काशी वन्य जीव प्रभाग के परिसर में लगभग बीस माह से बेड़ियों में जकड़ा गजानन मिट्टू आखिरकार 17 घंटा के सफर के बाद सोमवार की सुबह दुधवा नेशनल पार्क पहुंचा। रविवार को यहां से हाईड्रोलिक एलीफेंट ट्रांसपोर्टिंग वैन से ले जाया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:57 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 12:57 PM (IST)
वाराणसी से गजानन मिट्ठू पहुंचा दुधवा नेशनल पार्क, बीस माह बाद बेड़ियों से मिली आजादी
रविवार को यहां से हाईड्रोलिक एलीफेंट ट्रांसपोर्टिंग वैन से ले जाया गया।

वाराणसी, जेएनएन। रामनगर नगर स्थित काशी वन्य जीव प्रभाग के परिसर में लगभग बीस माह से बेड़ियों में जकड़ा गजानन मिट्टू आखिरकार 17 घंटा के सफर के बाद सोमवार की सुबह दुधवा नेशनल पार्क पहुंचा। रविवार को यहां से हाईड्रोलिक एलीफेंट ट्रांसपोर्टिंग वैन से ले जाया गया।

दुधवा नेशनल पार्क के डा.दयाशंकर सहित चार महावत व मथुरा के एसओएस संस्था से डा.राहुल भटनागर की निगरानी में गजानन को ले जाने की कार्रवाई की गई। हाईड्रोलिक एलीफेंट ट्रांसपोर्ट वैन में लादने से पहले वन विभाग की ओर से कार्यालय के पीछे काशीराज परिवार की खाली भूमि पर लगभग चार फिट खड्डा गोदकर प्लेटफार्म बनाया गया। एक घंटा की कड़ी मेहनत के बाद गजानन को वैन में लादा जा सका।

चारों तरफ से बंद ऊपर से खुले वैन के आगे वाले भाग में महावत को बैठने की व्यवस्था बनी हुई थी। सुरक्षा के लिहाज से टीम की ओर से खीरा में कुछ दवा मिलाकर हाथी को खिलाया गया। हाथी को ले जाने से पहले टीम ने हाथी का परीक्षण किया। इस दौरान हाथी पूरी तरह स्वस्थ था। हाथी के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इसकी उम्र लगभग 40 साल बताया गया। डीएफओ काशी वन्य जीव प्रभाग दिनेश सिंह ने कहा कि टीम समय से एक दिन पहले आ गई। हाथी को भेजने की पूरी तैयारी हो चुकी थी। टीम के साथ एक रेंजर सहित चार अन्य कर्मचारी को भी दुधवा नेशनल पार्क भेजा गया है। हाथी के महावत तुलसीराम का बेटा रिंकू सोनकर व भतीजा संजय भी साथ गए है।

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