ललितेशपति त्रिपाठी ने पिता संग थामा TMC का दामन, मीरजापुर कांग्रेस को लगा झटका
- प्रियंका की प्रतिज्ञा यात्रा के पहले दिन कांग्रेस को जोर का झटका- ललितेश साथ छोड़ने से कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है नुकसान- राजनीति की धुरी रहे औरंगाबाद हाउस का कांग्रेस से टूटा नाता- लोगों को ऐसा नेतृत्व मिला जिस पर देश की जनता को विश्वास
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। पूर्व मड़िहान विधायक ललितेशपति त्रिपाठी के कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद चल रहे कयासों पर आखिरकार सोमवार को पूर्ण विराम लग ही गया। उन्होंने पिता राजेशपति त्रिपाठी के साथ तृणमूल कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। विधानसभा चुनाव के पहले जनाधार एकत्र करने निकली कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को उनकी प्रतिज्ञा यात्रा के पहले दिन ही ललितेशपति ने जोर का झटका दे दिया। मीरजापुर जनपद में ललितेश द्वारा पार्टी का साथ छोड़ने से कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल वर्तमान परिस्थितियों में ललितेश के कंधों पर मीरजापुर जनपद सहित पूरे प्रदेश में टीएमसी को खड़ा करने की जिम्मेदारी रहेगी। ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि नए संघर्ष के लिए वह तैयार हैं और अब बड़ा संघर्ष होगा। लोगों को ऐसा नेतृत्व मिला है, जिस पर देश की जनता को विश्वास होगा।
चुनावी आहट के बीच यूपी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्वांचल के साथ ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति की धुरी रहे औरंगाबाद हाउस का पार्टी से सौ साल से भी पुराना नाता आखिरकार सोमवार को पूरी तरह से टूट ही गया। पं. कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र और परिवार की चौथी पीढ़ी के नेता ललितेशपति त्रिपाठी ने कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने के बाद सोमवार को टीएमसी का दामन थाम लिया। ललितेशपति त्रिपाठी के टीएमसी में जाने से पूर्वांचल में दशकों पैर जमाए कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 2017 के चुनाव के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में एक के बाद चुनाव हारने के बाद से ही ललितेश लंबे खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। दो तीन पहले उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व मड़िहान विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने बीते सितंबर माह में कांग्रेस छोड़ने का एलान किया था। आखिरकार कांग्रेस छोड़ने के बाद कई दिनों तक बिना पार्टी के ही आपसी लोगों से मंत्रणा करने के बाद अब ललितेशपति त्रिपाठी ने टीएमसी की सदस्यता ले लिया है।
टीएमसी में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश में टीएमसी को फायदा मिलेगा
उत्तर प्रदेश के लोग बहुत जागरूक हैं, जहां तक लगता नहीं है कि कोई विकल्प है। प्रदेश के लोगों ने समय-समय पर विकल्प खड़ा करने का काम किया है। उत्तर प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाएंगे कि हम ही लोग भाजपा के खिलाफ लड़ सकते हैं। बंगाल के लोगों ने यह संदेश भेजने का काम किया है। वह संदेश स्वीकार्य है इसीलिए ममता दीदी के पास हम लोग आए हैं, आगे क्या होगा यह समय बताएगा। टीएमसी में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश में टीएमसी को फायदा मिलेगा। यही नहीं, पूर्वांचल में भी टीएमसी को मजबूत मिलेगी।
- ललितेशपति त्रिपाठी, पूर्व विधायक मड़िहान।
ललितेशपति त्रिपाठी ने जीत दर्ज कर इतिहास बदला
- मड़िहान विधानसभा वर्ष 2012 में पहली बार बना, इसके पूर्व यह क्षेत्र राजगढ़ विधानसभा का हिस्सा था। वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव के बाद राजगढ़ विधानसभा को समाप्त कर दिया गया और नया विधानसभा मड़िहान बना दिया गया। कुर्मी बाहुल्य होने के कारण यह क्षेत्र हमेशा से ही पटेल वर्ग के कब्जे में रहा है, लेकिन वर्ष 2012 में कांग्रेस से ललितेशपति त्रिपाठी ने जीत दर्ज कर इतिहास बदला।
- 16वीं विधानसभा चुनाव वर्ष 2012 में कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी को 63492 मत मिले थे, जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के सत्येंद्र कुमार पटेल को 54969 वोट मिले थे। 17वीं विधानसभा में विकास खंड राजगढ़ के ग्रामसभा गोल्हनपुर के रमाशंकर सिंह पटेल विधायक बने। विधानसभा चुनाव 2017 में मड़िहान से भाजपा के टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी को शिकस्त देकर विधायक बने।