भगोड़े नित्यानंद ने बसा दिया अपना देश तो समर्थकों ने वाराणसी में कर लिया धर्मशाला पर कब्जा

नित्यानंद ने बीते दिनों एक तरफ खुद का कैलासा नाम का एक देश बना लिया है उसी के समर्थकों ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक धर्मशाला पर कब्जा जमा लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 03:40 PM (IST)
भगोड़े नित्यानंद ने बसा दिया अपना देश तो समर्थकों ने वाराणसी में कर लिया धर्मशाला पर कब्जा
भगोड़े नित्यानंद ने बसा दिया अपना देश तो समर्थकों ने वाराणसी में कर लिया धर्मशाला पर कब्जा

वाराणसी [विकास बागी]। दुष्कर्म के आरोपी भगोड़े स्वयंभू बाबा नित्यानंद की तलाश कर रही है। रेड कार्नर नोटिस तक जारी हो चुकी है। नित्यानंद ने बीते दिनों एक तरफ खुद का कैलासा नाम का एक देश बना लिया है, उसी के समर्थकों ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक धर्मशाला पर कब्जा जमा लिया है।

मणिकर्णिका घाट पर स्थित भिखारीवाला धर्मशाला जिसे मणिकर्णिका सेवाश्रम काशी के नाम से भी जाना जाता है, पर बीते दो माह से नित्यानंद के चार-पांच समर्थकों ने कब्जा जमा रखा है। हैरत की बात यह कि 12 वर्ष पहले ही यह इस धर्मशाला को जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य सरकार की संपत्ति घोषित कर दिया था। करोड़ों रुपये मूल्य के चार मंजिला भवन पर ताला चढ़ाकर चाबी चौक पुलिस को थमाई गई थी। बावजूद इसके आज भूतल पर तबेला और अन्य हिस्से पर नित्यानंद के लोगों ने अपना कब्जा जमा लिया है। खुद को नित्यानंद के आश्रम का कर्मचारी बताने वाले साधू वेशधारी समर्थक शवदाह में शामिल होने आए लोगों को भवन में  आने-जाने भी नहीं देते। विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।

इस बारे में जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि यह सही है कि विश्वनाथ कारिडोर के लिए उक्त भवन में मौजूद लोगों से वार्ता चल रही है लेकिन इसकी जानकारी ही नहीं है कि वर्ष 2007 में इसे राज्य सरकार की संपत्ति घोषित किया जा चुका है। नगर निगम और तहसील ने इसे कभी संज्ञान में नहीं लाया। इसकी जांच कराई जाएगी। लापरवाही पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

डीएम वीणा और रविंद्र ने जारी किया था आदेश

मणिकर्णिका सेवाश्रम काशी जिसे भिखारी धर्मशला/बाबा धर्मशाला के नाम से भी जाना जाता था, पर अवैध कब्जे को लेकर वर्ष 2007 में शिकायत हुई। शिकायत में बताया गया कि उक्त धर्मशाला का कोई ट्रस्टी जीवित नहीं है। देवरिया के रामअनुज, गढ़वासी टोला के साजन यादव ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट वीणा ने जांच कराई तो मामला सही पाया गया। धर्मशाला से संबंधित किसी ट्रस्टी के जीवित नहीं होने के कारण पांच जुलाई 2007 को जिला मजिस्ट्रेट वीणा ने आपत्ति मांगते हुए कहा कि 35 दिनों में कोई दावा नहीं आता तो इसे राज्य सरकार की संपत्ति घोषित कर दिया जाएगा।

संपत्ति घोषित कर नगर निगम को दी थी जिम्मेदारी

जिला मजिस्ट्रेट की ओर से निर्धारित अवधि में कोई दावेदार सामने नहीं आया। 26 अगस्त 2007 को डीएम वीणा की कोर्ट ने भिखारी धर्मशाला को राज्य सरकार की संपत्ति घोषित करते हुए नगर निगम को निर्देशित किया कि उक्त संपत्ति को उत्तर प्रदेश सरकार के नाम से नगर निगम के संपत्ति रजिस्टर में अंकित कराने के साथ ही इसके प्रबंधन व सुरक्षा की व्यवस्था कराएं।

डीएम के जाते ही फिर कब्जा

तत्कालीन डीएम वीणा के स्थानांतरण के बाद बेशकीमती भवन पर फिर कब्जा जमा लिया गया। वर्ष 2011 में तत्कालीन डीएम रविंद्र के पास मामला पहुंचा तो उन्होंने इसे गंभीरता से संज्ञान लेते हुए नगर निगम को निर्देश दिया कि राज्य सरकार की संपत्ति पर से अवैध कब्जा हटाएं।

नगर निगम और तहसील करता रहा खेल

 जिला मजिस्ट्रेट वीणा की कोर्ट से राज्य सरकार की संपत्ति घोषित किए जाने के बाबत जारी आदेश के बाद भी नगर निगम और तहसील ने धर्मशाला नामांतरण की कार्रवाई नहीं की।

चौका थाने के पास चाबी तो कैसे हुआ कब्जा 

बड़ा सवाल है कि जब उक्त धर्मशाला को राज्य सरकार की संपत्ति घोषित करते हुए जिला प्रशासन ने वहां ताला चढ़ाकर चौक थाने को इसकी चाबी दी थी इस हिदायत के साथ कि किसी हाल में यहां कब्जा नहीं हो तो फिर कैसे भूतल पर तबेला और अन्य हिस्से पर नित्यानंद के समर्थकों ने कब्जा कर लिया।

 भाजपा नेता ने की शिकायत

भाजपा नेता गुलशन कपूर ने जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा को राज्य सरकार के अधीन धर्मशाला में कब्जे के बाबत पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए प्रार्थना पत्र सौंपकर अतिक्रमणकारियों से उक्त धर्मशाला को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।

विश्वनाथ कारिडोर में शामिल है धर्मशाला, डीलिंग का चल रहा खेल

मणिकर्णिका घाट के समीप गंगा किनारे चार मंजिला भिखारी धर्मशाला 1972 वर्ग फीट भूमि में बना है। उक्त धर्मशाला विश्वनाथ कारिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि क्षेत्र में आता है। विश्वनाथ कारिडोर के लिए क्षेत्र के 270 भवनों की खरीद-फरोख्त की गई है। भाजपा नेता गुलशन कपूर ने जिलाधिकारी को बुधवार को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि चूंकि यह भवन विश्वनाथ धाम कारिडोर में आ गया है इसलिए अब इस भवन पर कब्जा करके मुआवजा लेने की फिराक में है। इस खेल में कुछ अधिकारी भी शामिल हैं जिनकी शह पर पहले वहां थोड़ी तोडफ़ोड़ किया गया और फिर पहले तबेला और फिर नित्यानंद के चार-पांच समर्थकों को प्रवेश करा दिया। आरोप लगाया कि नगर निगम, जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से कूटरचना करते हुए स्टेटस को आर्डर दिखाकर पुलिस को सूचना दिए बिना ही ताला तोड़ कर कब्जा कर लिया। अपना कब्जा दिखाते हुए यह लोग सरकार से उसी की संपत्ति को खाली करने के एवज में मोटी रकम वसूलने के फिराक में हैं। कुछ लोग इस खेल में लगे हैं ताकि अवैध कब्जा करने वालों को मोटी रकम दिलाकर कमीशन वसूल सकें।

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