ओबरा की चार इकाइयों के चलने से बेहतर हुए हालात, बिजली उत्पादन 600 मेगावाट पार

पिछले कुछ दिनों से कई इकाइयों की बंदी झेल रही ओबरा तापीय परियोजना की चारों इकाइयों के चलने से उत्पादन 600 मेगावाट पार चला गया है। मंगलवार दोपहर उत्पादन 670 मेगावाट तक पहुंच गया था। अब सभी इकाइयों के चालू होने से उत्पादन बढ़ते जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 08:06 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 08:06 PM (IST)
ओबरा की चार इकाइयों के चलने से बेहतर हुए हालात, बिजली उत्पादन 600 मेगावाट पार
ओबरा तापीय परियोजना की चारों इकाइयों के चलने से उत्पादन 600 मेगावाट पार चला गया है।

सोनभद्र, जेएनएन। पिछले कुछ दिनों से कई इकाइयों की बंदी झेल रही ओबरा तापीय परियोजना की चारों इकाइयों के चलने से उत्पादन 600 मेगावाट पार चला गया है। मंगलवार दोपहर उत्पादन 670 मेगावाट तक पहुंच गया था। परियोजना की नौवीं इकाई से 159 मेगावाट, 10वीं इकाई से 167 मेगावाट, 11वीं से 174 मेगावाट तथा 12वीं इकाई से 170 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। बीते 23 सितंबर प्रात:  200 मेगावाट की नौवीं और 12वीं इकाई तथा शाम को 10वीं इकाई बंद हो गई थी। इसके अलावा 27 सितंबर को 11वीं इकाई भी बंद हो गई थी। अब सभी इकाइयों के चालू होने से उत्पादन बढ़ते जा रहा है।

बिजली की मांग बढऩे को देखते हुए ओबरा की इकाइयों से अपेक्षित उत्पादन से यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर को विधुत संकट में राहत मिली है। पिछले सप्ताह चार दिनों हुयी बारिश के कारण बिजली की मांग में पांच हजार मेगावाट तक की कमी दर्ज की गयी थी। अब पिछले तीन दिनों से बारिश में पुन: कमी के कारण तापमान में वृद्धि हुयी है। इसके कारण मांग में पुन: वृद्धि शुरू हो गई है।  पीक आवर के दौरान प्रतिबंधित मांग में लगभग तीन हजार मेगावाट के करीब वृद्धि हुयी है। सोमवार पीक आवर के दौरान अधिकतम प्रतिबंधित मांग 21228 मेगावाट दर्ज की गयी। इस दौरान 220 मेगावाट की आपात कटौती भी करनी पड़ी। बीते 23 सितंबर को  अधिकतम प्रतिबंधित मांग लुढ़क कर 18697 मेगावाट आ गयी थी। अब प्रदेश में मानसून में आये ठहराव के साथ बारिश लगभग बंद हो गई है। जिसके कारण मांग बढ़ते जा रही है। बीते 27 सितंबर को प्रदेश में सामान्य से 71 फीसद तथा 28 सितंबर को सौ फीसद कम बारिश हुयी है। जबकि 22 सितंबर को प्रदेश में सामान्य से 131 फीसद तथा 23 सितंबर को 591 फीसद ज्यादा बारिश हुयी थी। इसके कारण बिजली की मांग कम हो गयी थी। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की इकाइयों से 3287 मेगावाट तथा निजी इकाइयों से 5166 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर जलविद्युत इकाइयों से कुल 237 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।

chat bot
आपका साथी