चंदौली के लतीफशाह कुंड में नहाते समय डूबे मेडिकल के चार छात्र, दो को बचाया और दो लापता

चंदौली चकिया कोतवाली क्षेत्र के लतीफशाह बीयर में नहाते समय सोमवार की शाम बीएचयू में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले चार छात्र गहरे पानी में डूब गए। इसमें आपदा राहत टीम ने दो को बचा लिया लेकिन दो अभी तक तापता हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 08:51 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:37 PM (IST)
चंदौली के लतीफशाह कुंड में नहाते समय डूबे मेडिकल के चार छात्र, दो को बचाया और दो लापता
लतीफशाह बीयर में नहाते समय बीएचयू में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले चार छात्र गहरे पानी में डूब गए।

चंदौली, जेएनएन। चकिया कोतवाली क्षेत्र के लतीफशाह बीयर कुंड में सोमवार की शाम बीएचयू में एमएस (मास्टर आफ सर्जरी) की पढ़ाई करने वाले दो छात्र डूब गए। शिवम समेत चार साथी शिवम की काले रंग होंडा कार लेकर सैर-सपाटा करने के लिए यहां पहुंचे थे। सूचना के बाद एसडीएम व पुलिस मौके पर पहुंची। देर शाम तक थाना के गोताखोरों की टीम पेट्रोमेक्स, गाड़ी की रोशनी करके उन्हें गहरे पानी में ढूंढती रही लेकिन दोनों का पता नहीं चल सका।

बीएचयू के छात्र कोलकाता के सिलीगुड़ी निवासी विकास दत्त (25), मथुरा निवासी शिवम सैनी (26), उत्तराखंड के नैनिताल निवासी हर्षवर्धन (25) और जमशेदपुर के रहने वाले रोशन कुमार (25) सोमवार की दोपहर शिवम की कार से घूमने के लिए तलीफशाह बीयर पहुंचे थे। शाम के वक्त घूमते हुए नीचे कुंड की तरफ गए। इसी दौरान विकास दत्त कुंड में नहाने लगा। देखते ही देखते गहरे पानी में डूबने लगा। उसे बचाने के लिए शिवम सैनी भी पानी में कूद पड़ा, कुछ ही देर में वह पानी में डूब गया। यह देख अन्य दोनों साथी शोर मचाने लगे। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद लोग घटनास्थल पर पहुंच गए।

लोगों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर एसडीएम अजय मिश्रा, कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह फोर्स के साथ पहुंचे। थाने के दो गोताखोरों को बुलाकर पानी मे डूबे युवकों की तलाश कराई गई लेकिन उनका अता-पता नहीं चल सका। घटना से हर्षवर्धन और रोशन बदहवास हैं। अधिकारी उन्हें समझा-बुझाकर कोतवाली ले आए। देर शाम तक गोताखोर लापता छात्रों की खोजबीन में जुटे रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली।

कुंड में नहाते वक्त डूब चुके हैं कई लोग, सुरक्षा के नहीं हैं इंतजाम

तलीफशाह बीयर कुंड में नहाते वक्त अब तक कई लोग डूब चुके हैं। लोग अक्सर गहरे पानी में चले जाते हैं। उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है। हादसों के बावजूद जिला प्रशासन चेत नहीं रहा। यदि गोताखोरों और पुलिस की तैनाती की जाए तो अप्रिय घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लग सकती है। लतीफशाह बीयर का प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों को बरबस की आकर्षित करता है। ऐसे में मानसून सीजन में यहां सैलानियों की भरमार रहती है। बारिश के मौसम में ही अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। 31 मार्च को चकिया नगर के सुनील गुप्ता की कुंड में डूबने से मौत हो गई थी। इसके तीन माह पूर्व दिसंबर माह में भी दो लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। वहीं अगस्त माह में भी एक सैलानी नहाते वक्त कुंड में डूब गया।

सोमवार को बीएचयू के छात्रों के डूब गए। इसकी जानकारी होने के बाद प्रशासनिक अमला पहुंचा। देर शाम तक गोताखोरों की टीम उनकी तलाश करती रही लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। दरअसल, कुंड के पास न तो पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था और न ही किसी तरह के सुरक्षा इंतजाम हैं। गोताखोरों की टीम पेट्रोमैक्स और टार्च की रोशनी में लापता छात्रों का पता लगाने में जुटी रही। स्थानीय निवासियों के अनुसार कुंड की गहराई बहुत ज्यादा है। दरअसल, यहां सैकड़ों फीट की ऊंचाई से हमेशा पानी गिरता रहता है। इसके चलते गहराई काफी अधिक हो गई है। वहीं पानी के अंदर पत्थरों में ऐसा कटान हो गया है कि एक बार यदि कोई फंस जाए तो उसका तैरकर दोबारा ऊपर निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोग गहरे पानी में समा जाते हैं। राहत और बचाव कार्य भी कारगर साबित नहीं हो पाता है। जब शव उतराता है तभी गोताखोरों के हाथ लग पाता है। उनका कहना रहा कि प्रशासन को कुंड में स्नान पर रोक लगा देनी चाहिए। वरना हमेशा गोताखोरों की टीम तैनात रखी जाए ताकि लोगों के डूबने पर उन्हें तत्काल बचाया जा सके।

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