वाराणसी में चार लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए की खुराक, अपर निदेशक स्वास्थ्य व सीएमओ ने की शुरुआत
बच्चों को सुपोषित रखने के लिए बुधवार को ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ की शुरुआत हुई। जनपद के करीब चार लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के 2.24 लाख व शहरी क्षेत्र के 1.76 लाख बच्चे चिन्हित हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। बच्चों को सुपोषित रखने के लिए बुधवार को ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ की शुरुआत हुई। कबीरचौरा स्थित जिला महिला चिकित्सालय के टीकाकरण कक्ष में अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. शशिकांत उपाध्याय व सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। इसके तहत जनपद के करीब चार लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के 2.24 लाख व शहरी क्षेत्र के 1.76 लाख बच्चे चिन्हित हैं।
‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम बुधवार एवं शनिवार को आयोजित होने वाले ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्रों (वीएचएनडी एवं यूएचएनडी) के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर संचालित टीकाकरण कक्ष में भी संचालित किए जाएंगे और नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक निश्शुल्क पिलाई जाएगी। डा. शशिकांत ने कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए पहले घंटे के अंदर मां का पीला गाढ़ा दूध, छह माह तक सिर्फ स्तनपान व संपूर्ण टीकाकरण के साथ-साथ साल में दो बार विटामिन-ए खुराक पिलाना आवश्यक है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से साल में दो बार इस अभियान का आयोजन किया जाता है। कहा, सभी माताएं जिनके बच्चे नौ माह पूर्ण कर चुके हैं, वह अपने बच्चों को विटामिन-ए की खुराक जरूर पिलाएं। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने कहा कि अभियान के दौरान पूर्ण टीकाकरण्एा (24 माह तक), संपूर्ण टीकाकरण, वजन लेना और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना, सभी बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाना, पहले एक घंटे के अंदर और छह माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान व आयोडीन युक्त नमक के सेवन के प्रति जागरुकता पर जोर दिया जाएगा। इस अवसर पर महिला अस्पताल की एसआइसी डा. लिली श्रीवास्तव, मंडलीय हास्पिटल के एसआइसी डा. प्रसन्न कुमार, चिकित्सा अधिकारी डा. एके पांडे, न्यूट्रिशन इंटरनेशनल से मंडल समन्वयक अपराजिता सिंह, यूनिसेफ के डीएमसी डा. शाहिद अंसारी आदि थे।
इसलिये जरूरी है विटामिन-ए की खुराक
विटामिन ‘ए’ की कमी से बच्चों में नजर का कमजोर होना, रात्रि के समय कम दिखाई देना, अंधेपन का शिकार हो जाना, रूखी आंख, रूखी त्वचा और त्वचा से संबंधित अन्य समस्या हो सकती है। इसकी कमी से बचपन में होने वाली दस्त जैसी आम बीमारियां भी जानलेवा हो सकती हैं। इन सभी कमियों को पूरा करने के लिए बच्चों को विटामिन-ए की खुराक देना बहुत जरूरी है।