सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले ही दिन पूर्वांचल में सड़क हादसों में चार की मौत, सड़कें हुईं खून से लाल

सूबे में सड़क सुरक्षा सप्ताह का सोमवार को शुभारंभ हो गया सड़कें लाल हो गई।

By Edited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 02:36 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 08:31 AM (IST)
सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले ही दिन पूर्वांचल में सड़क हादसों में चार की मौत, सड़कें हुईं खून से लाल
सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले ही दिन पूर्वांचल में सड़क हादसों में चार की मौत, सड़कें हुईं खून से लाल

वाराणसी, जेएनएन। सूबे में सड़क सुरक्षा सप्ताह का सोमवार को शुभारंभ हो गया। दुखद यह कि इस आयोजन के शुरू होने वाले दिन ही पूर्वाचल में चार लोगों की मौत हो गई। आजमगढ़ व बलिया में जहां एक-एक मौत हुई तो वहीं जौनपुर में दो लोगों की मौत हो गई। वैसे शहर में परिवहन विभाग के कार्यालय में सड़क सप्ताह के तहत संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि रोहनिया विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह थे। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों को हर व्यक्ति को गंभीरता लेना चाहिए, थोड़ी सी लापरवाही जान की दुश्मन बन सकती है।

ज्यादातर हादसे चालकों की लापरवाही के चलते होते हैं। चालक चाहे तो सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकते हैं। वह सोमवार को अतिथि बोल रहे थे। उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र लक्ष्मीकांत मिश्रा ने कहा कि सड़क पर वाहन चलाते समय सामने देखें। अगल-बगल और मोबाइल पर बात नहीं करें, इस दौरान हादसे ज्यादा होते हैं। यदि वाहन चलाने नहीं आता है तो पहले किसी ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लें, कई बार ऐसा होता है कि सड़क पर वाहन सीखने के दौरान बड़े हादसे हो जाते हैं। इसमें चालक समेत राहगीर की मौत हो जाती है। सड़क पर संभलकर वाहन चलाएं लेकिन सामने से बचने की भी पूरी कोशिश करें।

एआरटीओ (प्रवर्तन) एके राय ने कहा कि यातायात नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण सड़क पर हादसे होते हैं। थोड़ी सी जागरूकता लाकर दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। एआरटीओ (प्रशासन) सर्वेश सिंह ने कहा कि नियम बनाए जाते हैं पालन करने के लिए, न की तोड़ने के लिए। कुछ लोग नियमों को तोड़ काफी उत्साहित होते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होती है। वे अपने जान के दुश्मन होते हैं। संगोष्ठी में एआरटीओ शिवबसंत राम आदि मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी