वाराणसी में झांसा देकर करते थे उचक्कागीरी, लखनऊ और एमपी निवासी चार आरोपित गिरफ्तार

वाराणसी पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में लखनऊ के ठाकुरगंज थानांतर्गत चौक पीर गुफारा निवासी फतेह अली शहबाज अली लखनऊ के हुसैनाबाद शीश महल निवासी आबिद अली जाफरी व मध्यप्रदेश के होशंगाबाद निवासी मजुलूम हुसैन जाफरी शामिल हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:43 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:43 PM (IST)
वाराणसी में झांसा देकर करते थे उचक्कागीरी, लखनऊ और एमपी निवासी चार आरोपित गिरफ्तार
उचक्कागीरी करने वाले एक और गिरोह का मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने राजफाश किया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। लोगों को झांसा देकर उचक्कागीरी करने वाले एक और गिरोह का मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने राजफाश किया है। इस संबंध में चार आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 87 हजार 990 रुपये, 157 विभिन्न रंग के छोटे बड़े नग, सोने का कंगन, लाकेट, 12 पहचान पत्र व डेबिट कार्ड, छह मोबाइल फोन व एक टाटा इंडिगो कार बरामद की गई।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में लखनऊ के ठाकुरगंज थानांतर्गत चौक पीर गुफारा निवासी फतेह अली, शहबाज अली, लखनऊ के हुसैनाबाद शीशमहल निवासी आबिद अली जाफरी व मध्यप्रदेश के होशंगाबाद निवासी मजुलूम हुसैन जाफरी शामिल हैं।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बनाते हैं निशाना : आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उनका गिरोह शहर के भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर व बाजारों में घूम कर लोगों को अपनी बातचीत में उलझा कर व पुलिसकर्मी होने का झांसा देकर उनके पास मौजूद नकदी व असली जेवरात को अपने पास रखे नकली जेवरात से बदलकर फरार हो जाता है।

सराफा व्यवसायी से उड़ाए थे पांच लाख : पुलिस के मुताबिक गत 16 जुलाई को बिहार के बक्सर से चांदी के जेवर खरीदने के लिए सराफा व्यवसायी राजेंद्र वर्मा अपने पुत्र रंजन कुमार वर्मा व रिश्तेदार देवदीप वर्मा के साथ बनारस आए थे। मछोदरी पार्क के पास आटो से उतरकर वे चौक जाने के लिए रिक्शा का इंतजार कर रहे थे। उसी समय उचक्कों ने आकर उन सभी लोगों को झांसा देकर पांच लाख रुपये ऐंठ लिए थे। इस संबंध में भुक्तभोगी ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर मिले सुराग : घटना के बाद पुलिस ने कोतवाली सहित अन्य थाना क्षेत्रों में सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों को खंगाले। फुटेज के जरिए लखनऊ की पंजीकृत एक टाटा इंडिगो कार के बारे में पता चला। कार के पंजीकृत नंबर के जरिए पुलिस आरोपितों तक पहुंच गई। घटना के बाद आरोपितों ने रुपये आपस में बांट लिए थे। नए शिकार की तलाश में बनारस आए थे, लेकिन पुलिस के हाथ लग गए। घटना को अंजाम देने के बाद कार से फरार हो जाते।

chat bot
आपका साथी