भाजपा के पूर्व विधायक रामइकबाल ने अपनी पार्टी पर उठाए सवाल, कहा 'जनता से माफी मांगे सरकार'
अपने बयानों से अपनी ही पार्टी की किरकिरी कराने के मामले में चर्चित भाजपा के पूर्व विधायक व प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रामइकबाल सिंह ने एक बार पुनः यह कह कर पार्टी को कठघरे में खडा कर दिया है कि आज चुनाव में धनबल हावी हो चुका है।
जागरण संवाददाता, बलिया। समय समय पर अपने बयानों से अपनी ही पार्टी की किरकिरी कराने के मामले में चर्चित भाजपा के पूर्व विधायक व प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रामइकबाल सिंह ने एक बार पुनः यह कह कर पार्टी को कठघरे में खडा कर दिया है कि आज चुनाव में धनबल हावी हो चुका है।
राजनीतिक दलों के बडे बडे नेता वोट खरीदने का काम कर रहें हैं। डीएम एसपी वोट छीन रहे हैं। खीरी लखीमपुर में एक महिला को नंगा किया गया। पूरा प्रशासन मूक दर्शक बन कर देखता रहा। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाय कम है। घटना के लिए सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए। पूर्व विधायक रविवार की शाम नगरा में एक प्रतिष्ठान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कहा कि दुनिया की सबसे बडी पार्टी होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी पार्टी के नेता जिला पंचायत बलिया के चुनाव में एक ऐसे व्यक्ति के घर का चक्कर लगा रहे थे जो विवादित हैं। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र भी वहां पर आयोजित दावत में शामिल रहे। यह सुन कर मुझे बहुत ही दुख हुआ।
जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने की वकालत करते हुए कहा कि इन चुनावों में जिस तरह का तांडव हुआ है ऐसा मैने अपने राजनितिक जीवन में कभी नही देखा है । जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान बलिया में छह वोटर फर्जी पकडे गए थे। प्रशासन ने उन सभी को छोड दिया। क्या उन सभी पर अपराधिक मामला नही बनता है। प्रशासन को चाहिए कि उन फ्राड लोगों का नाम सार्वजनिक करे जिन्होंने फर्जी वोटरों का फर्जी कागजात तैयार कराया था। कहा कि राजनितिक दल अपना अस्तित्व खो चुके हैं। भयमुक्त चुनाव कराने की जिम्मेदारी जिसकी है वह जिम्मेदारी का निर्वहन नही कर रहें हैं। चुनाव आयोग का पद भी निष्पक्ष नही रह गया है। कालेधन वालों को कुर्सी पर बिठाने का कुत्सित प्रयास हो रहा है।
पूर्व विधायक ने चुनाव आयोग की नियुक्ति कम्पटीशन द्वारा या सुप्रीम कोर्ट के पैनल द्वारा कराए जाने की मांग की। कहा कि आज तहसील व थाने भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। भ्रष्टाचार उपर से नीचे तक फैल चुका है। बगैर कमीशन के कहीं काम नही हो रहा है। आनलाइन पढाई के नाम पर छात्रों के साथ छल किया जा रहा है। गांवों में नेटवर्क की समस्या है। नई पीढी को समाप्त करने की साजिश हो रही है। समय रहते समाज को चेत जाना चाहिए अन्यथा लोकतंत्र को समाप्त होने में देर नही लगेगी।