वाराणसी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला ए ग्रेड का दर्जा तो मिला, भूमि की तलाश नहीं हो रही पूरी

forensic science laboratory पूर्वांचल में अब अपराध करने के बाद अपराधियों का बचना मुश्किल हो जाएगा। अपराधियों के गिरेबान तक आसानी से पहुंचने के लिए स्थानीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला को ए ग्रेड का दर्जा मिल चुका है। अब इसे हाईटेक उपकरणों से लैस किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 07:40 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 10:51 AM (IST)
वाराणसी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला ए ग्रेड का दर्जा तो मिला, भूमि की तलाश नहीं हो रही पूरी
विधि विज्ञान प्रयोगशाला को ए ग्रेड का दर्जा मिल चुका है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में अब अपराध करने के बाद अपराधियों का बचना मुश्किल हो जाएगा। अपराधियों के गिरेबान तक आसानी से पहुंचने के लिए स्थानीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला को ए ग्रेड का दर्जा मिल चुका है। अब इसे हाईटेक उपकरणों से लैस किया जाएगा। शासन से प्रयोगशाला के निदेशक को अनुमति पत्र मिल चुका है। चार एकड़ जमीन में प्रयोगशाला की नई बिल्डिंग बनेगी जिसमें 15 अनुभाग खोले जाएंगे। नई बिल्डिंग में नार्को, ब्रेन मैपिंग, आवाज, डीएनए, बंदूक, कंकाल, क्राइम सीन मैनेजमेंट, विस्फोटक की जांच हो सकेगी। आगरा, लखनऊ, गाजीपुर, कन्नौज में भवन बनकर तैयार हो गया है। अब तक प्रयोगशाला को 'बी श्रेणी में रखा गया था। सरकार स्थानीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला को और अपग्रेड करने जा रही है।

रामनगर में नई प्रयोगशाला स्थापित होने के बाद वैज्ञानिक आधार पर 15 तरह के और परीक्षण हो पाएंगे। अब तक इस लैब में मात्र आठ तरह के ही परीक्षण हो पा रहे हैं। इसे अपग्रेड करने से सभी परीक्षण यहीं होने लगेंगे, जिससे रिपोर्ट जल्द आएगी और सजा दिलाना आसान होगा। इस दिशा में जल्‍द से जल्‍द कार्य पूरा होने से पुलिस को कई जटिल क्राइम घटनाओं का निदान करने में आसानी होगी।

उत्‍तर प्रदेश के 26 जिलों के थानों से केस आते हैं

रामनगर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में प्रदेश के 26 जिलों के थानों से केस आते हैं। इन जांच को शीघ्र पूरा कर उसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है। अत्याधुनिक प्रयोगशाला बन जाने के बाद पुलिस प्रशासन को काफी राहत मिलेगी।

प्रयोगशाला में खुलेंगे ये अनुभाग

डीएनए, साइबर, मेडिकोलिंग, लाइव डिटेक्शन, वाइस, एनालिसिस, फोरेंसिक, फोटो सेक्शन, क्राइम सीन अनुभाग।

वर्तमान में हैं ये अनुभाग

रासायन, भौतिक, प्रलेख, सिरोलाजी, बायोलाजी व विष अनुभाग।

'हरहुआ में भूमि देखी गई है। इसके अलावा रामनगर स्थित प्रयोगशाला को अपग्रेड भी करने पर मंथन हो रहा है। हालांकि अभी जगह फाइनल नहीं हुई है। 'ए ग्रेड बनाने के लिए 2019 में ही स्वीकृति मिली थी।

- आलोक शुक्ला, प्रभारी, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, रामनगर

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