Coronavirus से जंग में काशी से गए प्रवासी भारतीयों से सीख कर विदेशी बदल रहे जीवनशैली

पूरे विश्‍व में कोरोना वायरस का खौंफ छाया है तो विदेशों में प्रवासी भारतीयों में भी चिंता और सुरक्षा को लेकर अपनों की फ‍िक्र बनी हुई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 09:49 AM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 09:49 AM (IST)
Coronavirus से जंग में काशी से गए प्रवासी भारतीयों से सीख कर विदेशी बदल रहे जीवनशैली
Coronavirus से जंग में काशी से गए प्रवासी भारतीयों से सीख कर विदेशी बदल रहे जीवनशैली

वाराणसी, जेएनएन। अपनी माटी की याद उनको सुख में भी है तो दुख में भी वतन की चिंता बनी हुई है। बात उन प्रवासी भारतीयाें की है जो वर्षों पहले विदेशों में जा बसे। अब पूरे विश्‍व में कोरोना वायरस का खौफ छाया है तो विदेशों में प्रवासी भारतीयों में भी चिंता और सुरक्षा को लेकर अपनों की फ‍िक्र बनी हुई है। वाराणसी से आस्‍ट्रेलिया जा बसे आशुतोष मिश्र बताते हैं कि आस्‍ट्रेलिया में कोरोना का कहर इस कदर है कि अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई प्रभावित लोग हैं। मगर इन सबके बीच भारतीय परंपरा नमस्‍ते का अनुसरण करने वालों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। भारतीय परंपरा और संस्‍कृति ने संस्‍कारों को ही नहीं बल्कि सुरक्षा के दायरे को भी सहेज रखा है।  

आशुतोष बताते हैं कि काशी की ही भांति आस्‍ट्रेलिया में भी कई सभाओं में लोग हैंडशेक और गले लगाने के बजाय आपस में नमस्‍ते कह रहे हैं। एक बैडमिंटन टूर्नामेंट के दौरान जहां सभी विदेशी खिलाड़ी थे वह खेल के बाद एक दूसरे से हाथ मिलाने के स्‍थान पर नमस्ते कह रहे थे। वहीं आस्‍ट्रेलिया में बसीं काशी की स्वेता मिश्रा बताती हैं कि चिंता मगर मुसीबत से निपटना हम सभी की सामूहिक जिम्‍मेदारी भी है। एक जिम्मेदार की भूमिका निभाकर सहयोग करने की आवश्यकता ही निराकरण है। घबराहट से कुछ नहीं होने वाला है। उनके दो बेटे जो कॉलेज और विश्वविद्यालय में हैं, वे सावधानी बरतते हैं और सैनिटाइज़र का उपयोग नियमित कर रहे हैं। विदेश में बड़ी सभाओं से बचना और खांसी जुकाम और छींक से पीड़ित लोगों से कुछ दूरी पर रहने का अनुपालन कर रहे हैं। साफ रहना, जरूरी एहतियात बरतना और घबराना नहीं चाहिए। दुनिया को वायरस को हराने की जरूरत है, फिर बाकी के लिए तो बाबा विश्वनाथ देखभाल करेंगे। श्‍वेता मिश्रा बताती हैं हैं कि उन्हें अपने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व है कि वे कोरोनोवायरस से निपटने के लिए एक टीका विकसित कर रहे हैं। निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में टीका विकसित होने के बाद लोगों का जीवन बचाना आसान हो जाएगा। 

भारतीय समुदाय आस्‍ट्रेलिया में सुरक्षित

अाशुतोष बताते हैं कि भारतीयों का विदेशों में काफी सम्‍मान है और कोरोना से बचने में नमस्‍ते करने की संस्‍कृति और संस्‍कार को लोगों ने बखूबी समझा और सराहा है। बताते हैं कि उनके विदेशी मित्रों ने भी नमस्‍ते का महत्‍व बखूबी समझा है और पाश्‍चात्‍य तरीके से हाथ मिलाकर या गले लगकर स्‍वागत करने की संस्‍कृति से इन दिनों परहेज बना रखा है। हालांकि सरकार चिंतित है लिहाजा आवश्‍यक न होने पर लोग घरों से काम कर रहे हैं। साथ ही काशी में अपने परिजनों से नियमित बातचीत कर हाल चाल लेने के साथ ही बाबा विश्‍वनाथ से सभी के भलाई की कामना भी अक्‍सर करते हैं। 

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