बीएचयू में पहली बार भारत-अमेरिका के सामाजिक डिजाइन पर फ्री कोर्स, 17 मई से 18 अगस्त तक होगा संचालन
बीएचयू के दृश्य कला संकाय में पहली बार 17 मई से सामाजिक डिजाइनिंग पर एक शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होने वाला है। यह कोर्स भारत और अमेरिका के सामाजिक जीवन सभ्यता के विकास संस्कृति और धर्म इत्यादि को एक आकर्षक कलाकृति और कहानियों के तर्ज पर समझाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के दृश्य कला संकाय में पहली बार 17 मई से सामाजिक डिजाइनिंग पर एक शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होने वाला है। यह कोर्स भारत और अमेरिका के सामाजिक जीवन, सभ्यता के विकास, संस्कृति और धर्म इत्यादि को एक आकर्षक कलाकृति और कहानियों के तर्ज पर समझाएगा। सामाजिक डिजाइन में वर्तमान समय की कठिन परिस्थितियों का भी वर्णन होगा। इसमें भारत और अमेरिका के कुल पचास ख्यात विशेषज्ञों की कक्षाएं संचालित होंगी। तीन माह का यह कोर्स या ट्रेनिंग सत्र तीन महीने तक लगातार चलेगा। ऑनलाइन कोर्स में 70 फीसद हाजिरी दर्ज कराने वाले अभ्यर्थियों को ही सोशल डिजाइनिंग का ई- सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। 18 अगस्त तक चलने वाला यह कोर्स दिन में 12 बजे के बाद संचालित होगा।
मैरीलैंड इंस्टीट्यूट और बीएचयू की पहल
भारत सरकार के एक प्रोजेक्ट है जिसका स्पार्क के तहत इसका संचालन मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के मैरीलैंड इंस्टीट्यूट कॉलेज ऑफ आर्ट और बीएचयू के दृश्य कला संकाय द्वारा किया जाएगा। भारत ने दुनिया के दो सौ शैक्षणिक संस्थानों के साथ एक समझौता हुआ है, जिसके तहत सामाजिक डिजाइन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें दुनिया को कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है। हालांकि इसे ऑफलाइन ही चलाना था, मगर कोरोना के चलते यह ऑनलाइन होगा।
गांधी से मार्टिन लूथर के कर्मों की बनेगी कलाकृति
सामाजिक विज्ञान के चिंतन और मानदंडों को सामाजिक डिजाइन के रूप में लाने का एक प्रयास है। कोर्स के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. मनीष अरोड़ा के अनुसार इस कार्यशाला रूपी कोर्स के तहत बनारस के घाटों का धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन, एक सभ्यता से दूसरी सभ्यता का विकास, खुशहाल ग्रामीण जीवनशैली, अनियंत्रित नगरीकरण की पीड़ा के साथ ही समकालिक भारत के तथ्य भी कोर्स में पढ़ाए और प्रयोग कराए जाएंगे। गांधी से लेकर मार्टिन लूथर किंग और महान शासकों की वीरता को डिजिटल डिजाइन द्वारा प्रदर्शित रटे-रटाए अध्ययन-अध्यापन में रंग भरना है। बताते हैं कि इस कोर्स का सबसे अधिक लाभ डिजिटल मीडिया और दृश्य कला के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को होगा। इससे उनके कार्यक्षेत्र स्किल और उसका दायरा बढ़ेगा। इसके बाद कुछ नए परिवर्तन भी किए जा सकते हैं। इस कोर्स को कर रहे लोगों को समाज के किसी बिंदु पर असाइनमेंट दिया जाएगा, जिसे पूरा करना जरूरी होगा।