फुटपाथ हमारा है : वाराणसी के शहर के हालात ऐसे है कि जहां पैदल चलनी चाहिए, वहां पर खड़े रहते हैं वाहन
आम आदमी को अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होना होगा। उसे महसूस करना होगा कि सड़क किनारे फुटपाथ बना है वह उसका है। इसके लिए मांग करनी होगी तभी हालात बदलेंगे वरना यहां तो हालात ऐसे है कि राहगीर सड़क पर चलता है और फुटपाथ पर कार खड़ी रहती है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : आम आदमी को अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होना होगा। उसे महसूस करना होगा कि सड़क किनारे जो फुटपाथ बना है वह उसका है। इसके लिए मांग करनी होगी तभी हालात बदलेंगे वरना यहां तो हालात ऐसे है कि राहगीर सड़क पर चलता है और फुटपाथ पर कार खड़ी रहती है।
शासनादेश के अनुसार हर फुटपाथ हो या फिर कोई भी सार्वजनिक स्थल जहां अतिक्रमण व कब्जे होने पर सबसे पहले उसे हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इसके बाद दोबारा वहां अतिक्रमण व कब्जा न हो सके, इसके लिए स्थानीय थाने व चौकी की पुलिस को जिम्मेदारी दी गई है लेकिन दोनों विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोरम अदायगी करते हैं। जब जनता सवाल उठाती है तो दोनों विभाग एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते हैं। इसमें दोनों विभागों का निजी हित भी बताया जाता है। ठेले-खुमचे वाले फुटपाथ पर कारोबार करने के लिए इन जिम्मेदार विभागों के तैनात कर्मियों को सुविधा भी प्रदान करते हैं। यह शुल्क के तौर पर भी होता है तो उपहार के तौर पर भी दिया जाता है। यह कार्य इतने चुपचाप तरीके से होता है कि किसी को कानोकान खबर नहीं होती है। बस, यही वजह है कि नगर निगम का मुख्यालय रोड हो या फिर थाने व पुलिस चौकी के सामने से गुजर रही सड़क। सभी के किनारे फुटपाथ पर कब्जा रहता है।
एक तो बनारस शहर की सड़कें संकरी हैं तो दूसरे फुटपाथ पर कब्जा होने से पैदल चलना जान जोखिम में डालने के समान है। यह चिंतनीय है। अफसरों को समझना होगा।
सर्वेश कुमार मिश्रा, आम नागरिक
बनारस शिक्षा व चिकित्सा का हब बन गया है। यहां लाखों लोग आकर पढ़ाई करते हैं तो इलाज कराते हैं। ऐसे में फुटपाथ की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।
उदय प्रताप पाल, शोध छात्र
व्यापारी वर्ग को इस दिशा में काम करने की जरूरत है। दुकान के सामने से गुजरे फुटपाथ पर किसी प्रकार से कब्जा न हो, इसको लेकर रोकटोक अभियान चलाना चाहिए।
विनोद कुमार, व्यापारी
फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से पैदल चलने वाले सड़क पर होते हैं। यह अतिक्रमण जाम का सबब भी बनता है। नगर निगम व पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
अशोक मिश्रा, ट्रैफिक पुलिस