खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की उदासीनता से बढ़ी परेशानी, वाराणसी में मनमाने ढंग से हो रही कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का दायित्व अत्यंत महत्वपूर्ण होने के बावजूद विभाग के अधिकारी उदासीनता की सीमा पार गए हैं। जनउपयोगी सूचनाएं देने में भी वाराणसी जिले के कार्यालय में नहीं होने का हवाला देते हुए बच रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 06:18 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 06:18 PM (IST)
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की उदासीनता से बढ़ी परेशानी, वाराणसी में मनमाने ढंग से हो रही कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का दायित्व अत्यंत महत्वपूर्ण होने के बावजूद विभाग के अधिकारी उदासीनता के साथ हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का दायित्व अत्यंत महत्वपूर्ण होने के बावजूद विभाग के अधिकारी उदासीनता की सीमा पार गए हैं। जनउपयोगी सूचनाएं देने में भी कार्यालय में नहीं होने का हवाला देते हुए बच रहे हैं। जबकि विभाग के पास मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि यहां की कार्यशैली से कई महीनों से परेशान हैं। खाद्य पदार्थों सैंपल संग्रहण के नाम पर मनमाने ढंग से कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट भी सही नहीं दी जा रही है। हालात ये हैं कि क्रेता सहम जा रहे हैं।

दरअसल, जिला अभिहित अधिकारी संजय कुमार सिंह से साल के शुरुआती महीनों में संग्रहित नमूनों की जांच के उपरांत रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्रवाई करने समेत अन्य जानकारियों के लिए संपर्क किया गया। सूचना देने के बजाय उन्होंने दो दिन बाद स्वयं की मौजूदगी में ही जानकारी देने की बात कही। जबकि ईट हेल्दी अभियान के तहत विभाग को भोजन विक्रय करने वाले प्रतिष्ठानों को चार श्रेणियों में चिन्हांकन करने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था। इसमें होटल-लाज, रेस्टोरेंट, चाट व अन्य तैयार खाद्य पदार्थ की दुकानें, ठेले व अस्थायी स्टाल का चिन्हांकन कर सूचीबद्ध करने का निर्देश था। बता दें कि 30 दिन के अंदर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के शेड्यूल चार के शर्तों के अनुसार अग्रलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।

आम-जनमानस से फीडबैक

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण के उपरान्त खाद्य कारोबारों को सुधार हेतु सात दिन का समय प्रदान किया जायेगा. उसके उपरान्त पुनः निरीक्षण कर मानक के अनुरूप कार्य करने वाले खाद्य कारोबार कर्ताओं के प्रतिष्ठान का 10 अप्रैल तक चिन्हिकरण के साथ खाद्य प्रतिष्ठानों का हाईजिन रेटिंग कर प्रमाणिकरण किया जाए. जिनमें मानकों के अनुरूप कार्य न करने वाले खाद्य कारोबार कर्ताओं के प्रतिष्ठानों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिए. जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रमाणित प्रतिष्ठानों की ओर से निर्माण व विक्रय किये जा रहे खाद्य पदार्थाें के बारे में आम-जनमानस से फीडबैक भी प्राप्त किया जाए.

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