लॉकडाउन में इंसान और जानवर तक पहुंच रहा दो टाइम का भोजन, बीएचयू के छात्र अंकित की पहल
एक तरफ लोग कोरोना से अपनों को खो रहे हैं तो दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण वापस से बनारस में लोग भूखे रहने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में उनकी चिंता करने वाले भी शहर भर में खूब देखे जा रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। मानवता का दुश्मन बना कोरोना अब जानवरों को भी अपना शिकार बनाने लगा है। बीएचयू कैंपस में मेस, कैंटीन और दुकानों के बंद होने से जहां-तहां कुत्ते भटक रहे हैं। यह देख एक बीएचयू के छात्र अंकित शर्मा इन बेजुबानों को परिसर में खोज-खोजकर भोजन कराते हैं। रुइया से लेकर डालमिया छात्रावास तक जो कुत्ते मेस के बचे भोजन पर आश्रित रहते थे उन्हें अव वह दिन में दो बार भोजन खिलाने निकलते हैं। इस दौरान रोजाना 60-70 कुत्तों को भोजन कराना उनकी प्राथमिकता में है। इससे पहले पिछले लहर में अंकित ने बड़े स्तर पर मजदूरों को भोजन कराया था।
अस्पताल के बेड संग भोजन का भी कर रहे इंतजाम
एक तरफ लोग कोरोना से अपनों को खो रहे हैं तो दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण वापस से बनारस में लोग भूखे रहने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में उनकी चिंता करने वाले भी शहर भर में खूब देखे जा रहे हैं। अपने सगे-संबंधी समेत होटल, शादियों और रेस्तरां से बचे-खुचे भोजन मांगकर जरूरतमंदों तक दोनों पहर पहुंचा रहे हैं। जैसा की आज देश एक बहुत बड़े संकट से घिरा हुआ है और कोई गरीब भूखा न सोए इसके लिए बनारस में योगी आलोक नाथ शुक्ला ने नेतृत्व में समाजसेवियों की टीम ने एक मुहिम चलाई है। इस मुहिम से जुड़े युवा अस्पतालों में बेड, आइसीयू और वेंटिलेटर तक दिलवा रहे हैं। इनका जनता से यही अनुरोध है कि अगर बनारस में किसी भी जगह रेस्टोरेंट होटल या शादी पार्टी में भोजन बचता है तो उसे फेंके नहीं बल्कि इस नंबर 7668469434 और 9301428630 पर सूचित करके हमें दे दे। हम बचे हुए भोजन से किसी मजबूर इंसान का पेट भर देंगे। आलोकनाथ ने कहा कि मैं किसी राजनीति पार्टी से नहीं हूं मेरा बस एक ही नारा है असहाय तक रोटी पहुंचाना है और मानवता ही समाजिकता है यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि भोजन वितरण में अतुल शर्मा , शिवाकान्त द्विवेदी, शुभम पाठक, और गंगेश तिवारी जी-जान से अपने कार्य में लगे हुए हैं।