वाराणसी में पैरोल पर रिहा पांच बंदी अब तक नहीं लौटे जिला जेल, संक्रमण पसार रहा पांव

कोरोना के बढते संक्रमण से जेल प्रशासन के माथे पर बल पड़ने लगा है। गत वर्ष संक्रमण काल में पैरोल पर छूटे पांच बन्दी अब तक नहीं लौटे हैं। इन्हें वापस लाने के लिए जेल प्रशासन व पुलिस की तमाम कवायदें भी फेल हो चुकी हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 12:48 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 01:44 PM (IST)
वाराणसी में पैरोल पर रिहा पांच बंदी अब तक नहीं लौटे जिला जेल, संक्रमण पसार रहा पांव
कोरोना के बढते संक्रमण से जेल प्रशासन के माथे पर बल पड़ने लगा है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के बढते संक्रमण से जेल प्रशासन के माथे पर बल पड़ने लगा है। गत वर्ष संक्रमण काल में पैरोल पर छूटे पांच बन्दी अब तक नहीं लौटे हैं। इन्हें वापस लाने के लिए जेल प्रशासन व पुलिस की तमाम कवायदें भी फेल हो चुकी हैं। इन सब के बीच जिला कारागार में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। करीब नौ सौ क्षमता वाली जेल में इस समय 23 सौ बन्दी मौजूद हैं। इनमें से 58 बंदी कोरोना संक्रमित मिले, इनमें से सात दीनदयाल अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना संक्रमित बंदियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होते देख जिला कारागार की बैरक नंबर छह-बी को आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है। इन्हीं में संक्रमित बन्दी रखे गए है।

जिला जेल के जेलर पवन कुमार त्रिवेदी ने बताया कि बंदियों के लगातार कोरोना संक्रमित होने पर उनके लिए बैरक नंबर छह-बी को आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है। इस बैरक में 100 से ज्यादा बंदी आसानी से रखे जा सकते हैं। थानों की पुलिस द्वारा जो भी मुजरिम रोजाना लाए जाते हैं उनके लिए कारागार के गेट पर ही एंटीजेन जांच की व्यवस्था की गई है। निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही मुजरिम जेल में दाखिल किए जाते हैं, पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें तत्काल दीनदयाल अस्पताल भेज दिया जाता है। कारागार में कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। रोजाना सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है और बंदियों को मास्क लगाने के लिए चेताया जाता है। जिलाधिकारी के आदेश के आधार पर जल्द ही पिछले वर्ष की भांति अस्थायी जेल की व्यवस्था भी की जाएगी।

सेंट्रल जेल 1700 बन्दी हैं जिसमें से 981 को वैक्सीन लगवा दिया जा चुका है। यहां 23 बन्दी पाजितिव पाए गए हैं। इन्हें जेल के सर्किल नम्बर चार में आइसोलेट किया गया है। जेल के वरिष्ठ अधिकारी अरविंद कुमार सिंह के मुताबिक उनके पास डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, दवा व आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं।

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