वाराणसी में रंग लाई प्रशासन की मेहनत, सामने आए कोरोना को मात दे चुके पांच प्लाज्मा डोनर

पूर्वांचल का पहला प्लाज्मा बैंक बीएचयू में स्थापित करने की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ठीक हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 11:40 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 05:40 PM (IST)
वाराणसी में रंग लाई प्रशासन की मेहनत, सामने आए कोरोना को मात दे चुके पांच प्लाज्मा डोनर
वाराणसी में रंग लाई प्रशासन की मेहनत, सामने आए कोरोना को मात दे चुके पांच प्लाज्मा डोनर

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल का पहला प्लाज्मा बैंक बीएचयू में स्थापित करने की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ठीक हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित कर रहा है। रविवार को पांच लोगों ने इसके लिए सहमति भी प्रदान की। इससे उत्साहित जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को अपने क्षेत्र के ठीक हो चुके मरीजों का विवरण जुटाने का निर्देश दिया है। बीएचयू में भर्ती जिस मरीज को शनिवार की रात प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी, उसके लिए दो यूनिट और प्लाज्मा लखनउ से मंगाने के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने रविवार की सुबह पत्र लिखा है।

दो यूनिट प्लाज्मा सोमवार को बीएचयू पहुंचेगा

बी-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का दो यूनिट प्लाज्मा सोमवार को बीएचयू पहुंच जाएगा, जिसके बाद एक यूनिट मरीजा को चढ़ाया जाएगा और एक यूनिट उसके लिए रिजर्व रखा जाएगा। वहीं जिले के ठीक हो चुके मरीजों का आंकड़ा जुटाने व उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने की जिम्मेदारी डीएम ने प्रभारी मुख्य चिकिसाधिकारी डा. संजय राय को दी है। डा. राय के मुताबिक जिलाधिकारी की पहल पर ही कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी बैंक की शुरूआत आइएमए, रेडक्रॉस सोसाइटी व बीएचयू के सहयोग से किया गया है। अब तक पांच लोगों ने प्लाज्मा डोनेट करने की मौखिक सहमति प्रदान की है।

ठीक हो चुके लोगों की सहमति के साथ उनका मुकम्मल डाटा जुटाने का निर्देश

वहीं प्रभारी चिकित्साधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के ठीक हो चुके लोगों की सहमति के साथ उनका मुकम्मल डाटा जुटाने का निर्देश दिया है। बताया बीएचयू में केमिल्युमीनीसेंस मशीन की उपलब्धता में देरी होने पर दो दिन में इस मशीन की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी, ताकि सहमति प्रदान करने वाले लोगों के एंटीबॉडी टाइटर की जांच कर उन्हें डोनेशन के लिए सूचीबद्ध किया जा सके। यह सूची बीएचयू को उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे समय रहते गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा सकेगी।

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