मीरजापुर में पुआल के ढेर से बने घर में सोते समय एक ही परिवार के पांच लोगों की जिंदा जलने से मौत

मीरजापुर में मड़िहान थाना क्षेत्र के पचोखरा खुर्द गांव स्थित एक खलिहान में पुआल के ढेर से बने घर में सोते समय सोमवार की शाम अबूझहाल में आग लगने से एक ही परिवार की दो बहन समेत तीन बालकों की जिंदा जलने से मौत हो गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:41 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:41 PM (IST)
मीरजापुर में पुआल के ढेर से बने घर में सोते समय एक ही परिवार के पांच लोगों की जिंदा जलने से मौत
मीरजापुर के मडिहान थाना के पचोखरा गांव में बच्चों की मौत के बाद रोते-बिलखते स्वजन व जुटी भीड़।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। मड़िहान थाना क्षेत्र के पचोखरा खुर्द गांव स्थित एक खलिहान में पुआल के ढेर से बने घर में सोते समय सोमवार की शाम बगल में जल रहे आग की चिंगारी से लगी आग के कारण एक ही परिवार की दो बहन समेत तीन बालकों की जिंदा जलने से मौत हो गई। हादसे की खबर लगते ही खलिहान में ही काम रहे स्वजन भागकर पहुंचे और आग बुझाकर बालकों को बाहर निकाला तबतक वे दम तोड़ चुके थे। जानकारी होते ही नायब तहसीलदार , मड़िहान निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, पटेहरा चौकी इंचार्ज रामनिवास सिंह पहुंच गए और छानबीन की। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पचोखरा खुर्द गांव निवासी जितेंद्र कुमार धइकार अपनी पत्नी और तीन बच्चों सुनैना सात, हर्षित पांच व रानी तीन के साथ धान की फसल की मड़ाई करने के लिए सोमवार को खलिहान में गए थे। कुछ देर बाद जितेेंद्र गांव में किसी काम से आ गए, जबकि उनकी पत्नी सुभावती अपने बच्चों के साथ खलिहाल में काम कर रही थी। महिला धान की मड़ाई में लगी थी तभी तीनों बालक रानी, सुनैना व हर्षित खलिहान में पुआल के ढेर से बनाए गए घर सोने चले गए। इसी बीच पुआल के ढेर से बगल में जल रही आग की चिंगारी उठकर उस ढेर तक पहुंच गई और पुआल में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।

आग की लपट लगने पर बालकों की नींद खुली तो वे शोर मचाने लगे, लेकिन तबतक वे चारों ओर आग से घिर चुके थे। बालकों ने अपने को बचाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपटे इतनी तेज थी कि वे बाहर नहीं निकल पाए और उसी में गंभीर रूप से झुलसकर दम तोड़ दिए। खलिहाल में रखे पुआल में आग लगने की खबर लगते ही स्वजन भागकर घटना स्थल पर पहुंचे। आग बुझाकर गंभीर रूप से झुलसे तीनों बालकों को बाहर निकाला तो उनकी मौत हो चुकी थी।

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